परमाणु विरोधियों ने समुद्र की ओर से कुडनकुलम संयंत्र का किया घेराव
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परमाणु विरोधियों ने समुद्र की ओर से कुडनकुलम संयंत्र का किया घेराव

परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं ने आज कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र का समुद्र की ओर से दिन भर घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने इस परियोजना के खिलाफ अपने चौथे चरण के प्रदर्शन के दौरान 800 से अधिक नौकाओं को समुद्र में रोक रखा था।

तिरूनेलवेली (तमिलनाडु) : परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं ने आज कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र का समुद्र की ओर से दिन भर घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने इस परियोजना के खिलाफ अपने चौथे चरण के प्रदर्शन के दौरान 800 से अधिक नौकाओं को समुद्र में रोक रखा था। पीपुल्स मूवमेंट अगेनस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) के नेतृत्व में मछुआरों ने संयंत्र से 500 मीटर की दूरी पर समुद्र में अपनी नौकाओं को रोक रखा था। ये लोग भारत-रूस की इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे थे। तिरूनेलवेली, कन्याकुमारी और तूतीकोरीन के मछुआरे इस प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं, रैपिड एक्शन फोर्स सहित 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी इन पर कड़ी नजर रखे हुए थे। उन्होंने 10 तटरक्षक नौकाएं भी तैनात रखी थी।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संयंत्र की ओर बढ़ने से रोकने के लिए अहम स्थानों पर कंटीले तारों के बाड़ लगाए थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक टीके राजेन्द्रन ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। पीएमएएनई संयोजक एसपी उदयकुमार ने कुडनकुलम और इसके चारों ओर के गांवों से पुलिसकर्मियों को हटाने तथा परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मामले वापस लेने की मांग की। साथ ही, उन्होंने गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि आज के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में 48 गांवों के मछुआरों ने भाग लिया।
उदयकुमार ने यह भी बताया कि वे अपना अगला आंदोलन चेन्नई में 29 अक्तूबर को शुरू करेंगे, जब विधानसभा का सत्र शुरू होगा। आंदोलन के दौरान प्रदर्शन और हिंसा के सिलसिले में अपने खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वह कानूनी रूप से इसका सामना करेंगे।
गौरतलब है कि यह दूसरा मौका है जब प्रदर्शनकारियों ने समुद्र में उतर कर घेराव किया। इससे पहले 22 सितंबर को तूतीकोरीन बंदरगाह में ऐसा किया गया था। प्रदर्शनकारियोंने पिछले महीने कुडनकुलम से 10 किलोमीटर दूर कुथाकुझी के पास समुद्र में ‘जल सत्याग्रह’ किया था। (एजेंसी)

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