दहशत, कत्लेआम का दूसरा नाम है 'आईएसआईएस'
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दहशत, कत्लेआम का दूसरा नाम है 'आईएसआईएस'

इराक इन दिनों भीषण आतंक की चपेट में है। यह देश आतंक की आग में बुरी तरह झुलस रहा है। इराक को इस बार आतंक के सबसे बड़े चक्रव्यूह ने बुरी तरह तोड़कर रख दिया है। इस आग में इराक जल रह रहा है। हर पल सुलग रहा है। एक आतंकी संगठन यहां खून की होली खेलकर कत्लेआम मचा रहा है। वह एक-एक करके इराक के तमाम शहरों पर कब्जा करता जा रहा है और इराकी सैनिकों की खून की होली खेल रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह संगठन अबतक इराक में 10 हजार से भी ज्यादा सैनिकों को सरेआम मौत के घाट उतार चुका है।

1991 के बाद इराकी में यह सबसे बड़ा जनसंहार है। इराक के तिकरित में सेना और सुन्नी विद्रोहियों की बीच लगातार लड़ाई जारी है। आईएसआईएस ने चंद दिनों पहले अपनी वेबसाइट पर कुछ भयावह तस्वीरें भी अपलोड कीं, जिनमें इराक में नरसंहार करते हुए आतंकवादियों को दिखाया गया है।

यह आतंकी संगठन पहले भी सुर्खियों में आया है लेकिन इराक में जिस तरह से इसने कत्लेआम मचाया है उससे एक बार फिर यह आतंकी संगठन आईएसआईएस यानी इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया सुर्खियों में है। यह दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है जिसका सालाना बजट 220 अरब डॉलर का है। इस वक्त आतंक की यह ऐसी 'पाठशाला' है जहां दहशतगर्दी के रोज नए आयाम लिखे जाते हैं। इस संगठन ने बेरहमी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसने इराक में जिस तरह से कत्लेआम के वीडियो जारी किए हैं उससे पूरी दुनिया को दहलाकर रख दिया है।

आईएसआईएस यानी इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड दी लीवेंट भी कहते हैं) एक जिहादी संगठन है, जो इराक और सीरिया में सक्रिय है। इसकी स्थापना अप्रैल 2013 में हुई और यह काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस संगठन में आतंकियों को भारी सैलरी दी जाती है जिसके बदले में वह कल्तेआम करते है।

अबु बकर अल बगदादी इस आतंकी संगठन का मुखिया है। यह बेहद शातिर है जो कभी भी अपनी पहचान जाहिर नहीं करता। इसकी जो तस्वीर मीडिया में है वह कई साल पुरानी है और सिर्फ एक तस्वीर है। यह आमने सामने कभी बातचीत नहीं करता है। यह कमांडरों से बात करते हुए मास्क पहनता है जिससे इसे कोई भी देख नहीं पाता है।

बगदादी के बारे में यह कहा जाता है कि उसका जन्म उत्तरी बगदाद के समारा में 1971 में हुआ और 2003 में अमरीका की अगुआई में हुए आक्रमण के बाद इराक़ में भड़के विद्रोह में वह भी शामिल हो गया। 2010 में वह इराकी अलकायदा के नेता के तौर पर उभरा और फिर आतंक की दुनिया में वह सरताज बनकर उभरता चला गया। बगदादी को युद्ध का कुशल रणनीतिकार और कमांडर माना जाता है। उसके एक इशारे में उसके हजारों लड़ाके कत्लेआम मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। यह संगठन हर कत्लेआम के बाद केक काटकर खुशी मनाता है। चूंकि संगठन का बजट अरबों डॉलर का है इसलिए इसके लड़ाकों को पैसे की तनिक भी चिंता नहीं होती है।

आईएसआईएस इराक में आतंकी संगठन अल-कायदा का सहयोगी है। यह सीरिया में सरकारी सुरक्षा बलों से लड़ रहे संगठनों में प्रमुख संगठन है। आईएसआईएस में बड़ी तादाद में विदेशी लड़ाके भी शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य इराक और सीरिया के सुन्नी इलाकों को इस्लामिक स्टेट बनाना है। लीवेंट दक्षिणी तुर्की से लेकर मिस्र तक के क्षेत्र का पारंपरिक नाम है।

संगठन दावा करता है कि उसमें इराक के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और कई यूरोपियन देशों के फाइटर्स शामिल हैं। इसके अलावा संगठन अमेरिका और अरब वर्ल्ड से भी बड़ी तादाद में लोगों के शामिल होने का दावा करता है। इस आतंकी संगठन का दावा है कि उसके लड़ाकों में अरब देशों और काकेशस के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों के लोग शामिल हैं। आतंक के इस नई पौध पर दुनिया को नए सिरे से सोचना होगा वरना इसका दायरा यहां से निकलकर अलकायदा की तरह दुनिया के कई देशों तक पहुंचा जाएगा।

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