‘पाकिस्तान को हर दिन 1,500 से 2,000 टन आलू का हो रहा निर्यात’
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‘पाकिस्तान को हर दिन 1,500 से 2,000 टन आलू का हो रहा निर्यात’

देश के विभिन्न भागों में आलू की बढ़ती कीमतों के बीच पाकिस्तान को अट्टारी.वाघा सड़क मार्ग के जरिये हर दिन कम से कम 1,500 से 2,000 टन आलू निर्यात किया जा रहा है। पाकिस्तान में इस समय आलू की भारी तंगी बनी हुई है। अमृतसर स्थित सब्जी निर्यातक अनिल मेहरा ने कहा, 'निर्यातक पाकिस्तान को प्रतिदिन आलू से लदे 70 से 80 ट्रक भेज रहे हैं। इसमें 1,500 से 2,000 टन आलू होता है। वहां इस सब्जी की भारी मांग है।'

चंडीगढ़ : देश के विभिन्न भागों में आलू की बढ़ती कीमतों के बीच पाकिस्तान को अट्टारी.वाघा सड़क मार्ग के जरिये हर दिन कम से कम 1,500 से 2,000 टन आलू निर्यात किया जा रहा है। पाकिस्तान में इस समय आलू की भारी तंगी बनी हुई है। अमृतसर स्थित सब्जी निर्यातक अनिल मेहरा ने कहा, 'निर्यातक पाकिस्तान को प्रतिदिन आलू से लदे 70 से 80 ट्रक भेज रहे हैं। इसमें 1,500 से 2,000 टन आलू होता है। वहां इस सब्जी की भारी मांग है।'

मेहरा ने कहा, 'इस वर्ष पाकिस्तान में आलू की भारी कमी है इस वजह से पाकिस्तान सरकार ने भारत से इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है।' निर्यातकों ने कहा कि जाड़े के मौसम में पाले के कारण पाकिस्तान में आलू की फसल को भारी नुकसान हुआ जिसकी वजह से इस सब्जी की भारी कमी हो गई।

मेहरा ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने इस वर्ष जुलाई तक भारत से आलू के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है। पाकिस्तान से भारतीय आलू के आयात का आर्डर एक वर्ष से भी अधिक के अंतराल के बाद आया है। निर्यातक पंजाब और हरियाणा के विभिन्न बाजारों से आलू लेकर निर्यात मांग को पूरा कर रहे हैं।

पंजाब और चंडीगढ़ के खुदरा बाजारों में आलू की कीमत इन दिनों 25 से 30 रुपये किलो चल रही है। आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने और घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने आलू के लिये 450 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया, बावजूद इसके बावजूद पाकिस्तान को आलू निर्यात लगातार जारी है।

एक अन्य निर्यातक ने कहा, 'एमईपी (आलू पर) का पड़ोसी देश को इसके निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं है। पाकिस्तान से मांग मजबूत बनी हुई है।' इस बीच पंजाब के आलू उत्पादकों ने आलू की स्टॉक सीमा तय करने के केन्द्र सरकार के फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि इसका आगामी आलू फसल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

जालंधर स्थित आलू बीज कृषक महासंघ (पीओएससीओएन) के अध्यक्ष सुखजीत भट्टी ने कहा, 'यदि आप स्टॉक सीमा तय कर आलू रखने पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इसका उत्पादन पर बुरा असर होगा। स्टॉक सीमा से आलू बीज की उपलब्धता प्रभावित होगी। सर्दियों में आलू बोने के लिए बीज की जरूरत होगी।'

उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर यह एक दूसरे संकट की ओर ले जायेगा।' केन्द्र सरकार ने कल आलू, प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में ला दिया। इसके बाद इन फसलों की भंडारण सीमा तय की जा सकेगी। यह सीमा राज्य सरकारें तय करेंगी। पंजाब आलू बीज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। यह कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों को इसकी आपूर्ति करता है।

पंजाब में 84,000 हेक्टेयर रकबे में आलू उत्पादन होता है। इसमें से करीब 60 प्रतिशत आलू बीज के लिये रखा जाता है। जाड़े के मौसम में पाले के कारण आलू के उत्पादन में करीब 30 प्रतिशत की गिरावट होने से आलू उत्पादकों को इस वर्ष अच्छी कीमत मिल रही है। उत्पादकों को इस बार जहां 15 से 16 रुपये का भाव मिल रहा है वहीं पिछले साल 9 से 10 रुपये किलो ही उन्हें मिले।

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