नई दिल्ली : इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चार स्वतंत्र निदेशकों को बर्खास्त करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार अब ओएनजीसी, एचपीसीएल और एमआरपीएल के निदेशक मंडल में कांग्रेस द्वारा नियुक्त नौ स्वतंत्र निदेशकों को भी बर्खास्त करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि राजग सरकार पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा कार्यकाल के आखिरी साल में की गई सभी नियुक्तियों की समीक्षा कर रही है और जहां भी संभव है वहां से राजनीतिक तौर पर नियुक्त लोगों को हटाया जा रहा है।
देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी आईओसी के चार स्वतंत्र निदेशकों और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड से दो स्वतंत्र निदेशकों को हटाने के बाद अब सरकार ओएनजीसी के निदेशक मंडल से पूर्व बिजली सचिव पी उमाशंकर, चार्टर्ड अकाउंटेंट एस रवि और बीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन आर के सिंह को हटाने पर विचार कर रही है।
सरकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के निदेशक मंडल से चार्टर्ड एकाउंटेंट रोहित खन्ना को भी हटाना चाहती है। इसके अलावा ओएनजीसी की अनुषंगी मेंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) के निदेशक मंडल से चार्टर्ड एकाउंटेंट सी.एल. शाह, पूर्व आईएएस अधिकारी नीला गंगाधरन, इंडियन इंस्टिट्यूट आफ साइंस के प्रोफेसर जयंत एम मोदक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की विपणन विभाग की प्रोफेसर उषा किरण राय, कैप्टन जॉन प्रसाद मेनीजीस को भी हटाने पर विचार कर रही है।
सूत्रों ने कहा कि इन निदेशकों को उसी तरह हटाया जा रहा है जैसा आईओसी के मामले में हुआ था। आईओसी ने 27 अगस्त को मुंबई में अपनी सालाना आम बैठक में के. जयराज, निसार अहमद, सुनील कृष्ण और सायण चटर्जी की नियुक्ति की मंजूरी के लिए कोई प्रस्ताव नहीं पेश किया था। शेयरधारकों से मंजूरी के अभाव में पिछली संप्रग सरकार द्वारा इस साल मार्च में तीन साल के लिए नियुक्त ये निदेशक अब आईओसी के निदेशक मंडल में नहीं है।