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नई दिल्ली : मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को उसकी भारतीय इकाई में अल्पांश शेयरधारकों की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 10,141 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दे दी। यह देश के दूरसंचार क्षेत्र में सबसे बड़ा एकल विदेशी निवेश होगा। इसके बाद वोडाफोन इंडिया देश की पहली दूरसंचार आपरेटर हो जाएगी जिसका पूर्ण स्वामित्व विदेशी कंपनी के पास होगा।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, ‘वोडाफोन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।’ विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने 30 दिसंबर, 2013 को वोडाफोन को अपनी अनुषंगी के माध्यम से भारतीय इकाई में हिस्सेदारी को मौजूदा 64.38 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
चूंकि यह प्रस्ताव 1,200 करोड़ रुपए से अधिक का है इसलिए इसे मंत्रिमंडल के पास भेजा गया। सरकार ने पिछले साल दूरसंचार क्षेत्र में शतप्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी।
ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी के पास भारतीय इकाई की 64.38 फीसद हिस्सेदारी है। अब वह अल्पांश शेयरधारकों अजय पिरामल व अनलजीत से शेष शेयर खरीदेगी।
उपभोक्ता संख्या के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी की 10.97 प्रतिशत हिस्सेदारी पिरामल के पास है, वहीं वोडाफोन इंडिया के गैर कार्यकारी चेयरमैन सिंह के पास 24.65 प्रतिशत हिस्सेदारी है। प्रस्ताव के तहत वोडाफोन समूह अनलजीत सिंह को 1,241 करोड़ रुपए व पिरामल इंटरप्राइजेज को 8,900 करोड़ रुपए का भुगतान करेगा। (एजेंसी)