चिदंबरम का पूंजी बाजार में नैतिकता का आह्वान
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चिदंबरम का पूंजी बाजार में नैतिकता का आह्वान

पूंजी बाजार में नैतिकता की वकालत करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारतीय पूंजी बाजार को खुदरा निवेशकों की कमजोर भागीदारी सहित विभिन्न प्रकार की चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है।

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मुंबई : पूंजी बाजार में नैतिकता की वकालत करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारतीय पूंजी बाजार को खुदरा निवेशकों की कमजोर भागीदारी सहित विभिन्न प्रकार की चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा ‘‘यह काफी महत्वपूर्ण है कि हमारे सभी संस्थान नैतिकता के ऊंचे मूल्य और ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाये रखें। नैतिकता की कमी से समूची वित्तीय प्रणाली को नुकसान होता है जैसा कि हमने पिछले समय में देखा है।’’
चिदंबरम ने यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की 20वीं सालगिरह पर कहा ‘‘हाल की कुछ घटनाओं से हम सतर्क हुये हैं और आगे भी हमें सतर्क रहना होगा। हमें वित्तीय बाजारों में बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने वाले संस्थानों के मालिकों और प्रबंधकों से सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के उंचे मानक अपनाने की मांग करनी चाहिये।’’
चिदंबरम का यह वक्तव्य नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में 5,600 करोड़ रुपये का भुगतान संकट खड़ा होने की पृष्ठभूमि में आया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी बाजारों में बिना-डिलीवरी वाले वायदा में रुपये के कारोबार की बढ़ती मात्रा एक प्रमुख चिंता है। बिना डिलीवरी का वायदा जिसे एनडीएफ भी कहा जाता है, और इसे विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में वायदा सौदों के एक साधन के रूप में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के सौदे पूर्ण रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं में होते हैं। रुपया फिलहाल पूर्ण रूप से परिवर्तनीय नहीं है।
विदेशों में बिना डिलीवरी के वायदा कारोबार में रुपया में बढ़ते कारोबार से घरेलू मुद्रा पर प्रतिकूल असर पड़ता है और उसकी कीमत को प्रभावित करती है।
चिदंबरम ने पूंजी बाजार से जुड़ी अनेक चिंताओं का जिक्र करते हुये कहा कि खुदरा निवेशकों की कमजोर भागीदारी, वित्तीय साक्षरता का अभाव और वित्तीय क्षेत्र में समावेश की कमी कुछ ऐसी बातें हैं जिन पर तुरंत ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। (एजेंसी)

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