अमेरिकी में ऋण सीमा संबंधी बिल पारित, सरकारी बंदी समाप्त
Advertisement

अमेरिकी में ऋण सीमा संबंधी बिल पारित, सरकारी बंदी समाप्त

अमेरिकी संसद ने देश में 16 दिन पुरानी सरकारी कामकाज बंदी को समाप्त करने के लिए ऋण सीमा बढ़ाने के विधेयक को गुरुवार को अंतिम क्षणों में पारित कर दिया। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पर तुरतफुरत हस्ताक्षर कर दिए ताकि अमेरिका रिण भुगतान में असफल होने से बच सके।

fallback

वाशिंगटन : अमेरिकी संसद ने देश में 16 दिन पुरानी सरकारी कामकाज बंदी को समाप्त करने के लिए ऋण सीमा बढ़ाने के विधेयक को गुरुवार को अंतिम क्षणों में पारित कर दिया। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पर तुरतफुरत हस्ताक्षर कर दिए ताकि अमेरिका रिण भुगतान में असफल होने से बच सके।
ऋण सीमा बढ़ाने की समय सीमा खत्म होने से लगभग चार घंटे पहले संसद के दोनों सदनों (सीनेट व प्रतिनिधि सभा) में यह विधेयक पारित हो गया जिसमें सीनेट में विधेयक के पक्ष में 81 मत व विरोध में 18 मत पड़े।
वहीं प्रतिनिधि सभा में इसे 285 मतों से पारित किया गया, जबकि इसके विरोध में 144 मत पड़े। विधेयक से 16,700 अरब डालर की मौजूदा ऋण सीमा को बढ़ाया गया है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस विधेयक `सतत् विनियोग कानून 2014` पर तत्‍काल हस्ताक्षर कर दिए। इस विधेयक से वित्त वर्ष 2014 में संघ सरकार की परियोजनाओं व परिचालन के लिए विनियोग मिल जाएगा। यह विनियोग पांच जनवरी 2014 तक जारी रहेगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने आज जारी एक बयान में कहा है कि इस कानून से देश की ऋण सीमा भी 7 फरवरी 2014 तक बढ़ गई है।
विधेयक के संसद में पारित होने से लाखों संघीय कर्मचारी काम पर लौटने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि इस बारे में गतिरोध के चलते सरकारी कामकाज ठप हो गया था। रिपब्लिकन हाउस नेता जान बोएह्नर ने हार स्वीकारते हुए कहा कि हमने डटकर मुकाबला किया, लेकिन हम जीत नहीं पाए। ओबामा द्वारा विधेयक पर हस्ताक्षर किए जाने के तुरंत बाद व्हाइट हाउस में बजट प्रबंधन कार्यालय ने संघीय एजेंसियों को नोटिस जारी कर लगभग आठ लाख कर्मचारियों को वापस काम पर बुलाने को कहा है। बजट प्रबंधन कार्यालय की निदेशक सिल्विया मैथ्यूज बरवेल ने कहा कि राष्ट्रपति ने (कंटीन्यूइंग) प्रस्ताव पर आज हस्ताक्षर कर दिए जिससे कर्मचारी काम पर वापस आएंगे और अनेक सरकारी परिचालन शुरू होंगे। जो कर्मचारी अब तक विनियोग के अभाव में छुट्टी पर थे वे अब काम पर लौट सकते हैं।
इस विधेयक के पारित होने से वैश्विक बेचैनी समाप्त हो गई क्योंकि अमेरिका के भुगतान में चूकने का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ता। विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने कहा कि यह विकासशील देशों और दुनिया के गरीब लोगों के लिए एक खुशखबरी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा हो गया था, लेकिन संसद द्वारा विधेयक पारित होने से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राहत मिली है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्दे ने कहा कि आगे चलकर और अधिक टिकाउ ढंग से ऋण सीमा बढ़ाकर राजकोषीय नीति को लेकर अनिश्चितता कम करना आवश्यक होगा। (एजेंसी)

Trending news