चुनाव आयोग ने प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने से रोका

निर्वाचन आयोग ने आज केंद्र सरकार से कहा कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज आदि कंपनियों के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत अगले महीने से दोगुना करने के अपने फैसले को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक टाल दे। इस कदम से प्राकृतिक गैस की कीमतों से जुड़ा सारा फैसला कम से कम कुछ महीनों के लिए टल जाएगा।

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने आज केंद्र सरकार से कहा कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज आदि कंपनियों के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत अगले महीने से दोगुना करने के अपने फैसले को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक टाल दे। इस कदम से प्राकृतिक गैस की कीमतों से जुड़ा सारा फैसला कम से कम कुछ महीनों के लिए टल जाएगा।
आयोग ने इस संबंध में आज शाम पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्रा को पत्र लिखा है। इसमें लिखा गया है, मामले के माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने सहित सभी प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने फैसला किया है कि इस प्रस्ताव को टाला जा सकता है। आयोग के इस फैसले के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार के पास रंगराजन समिति के फार्मूले के आधार पर गैस के दाम बढाने के अपने फैसले का कार्यान्वयन नयी सरकार पर छोडने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की सभी प्राकृतिक गैस उत्पादक कंपनियों के लिए नयी कीमत प्रणाली अगले महीने से लागू होनी है। इसके तहत एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस के दाम 8.3 डालर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) होने प्रस्तावित हैं जो इस समय 4.2 डालर प्रति एमबीटीयू है।
नयी सरकार शायद इस फार्मूले का पूर्ण या आंशिक कार्यान्वयन नहीं करना चाहे क्योंकि इसकी कई वर्ग कड़ी आलोचना कर चुके हैं जिनमें उर्वरक तथा बिजली क्षेत्र शामल हैं। निर्वाचन आयोग के आज के फैसले से देश में बिकने वाली 80 प्रतिशत प्राकृतिक गैस पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि ओएनजीसी जैसी उत्पादक कंपनियां मौजूदा दरों तथा अनुबंध के आधार पर ब्रिकी करती रहेंगी। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज पर इसका असर होगा। क्योंकि उसे अपने मौजूदा ब्रिकी अनुबंधों को 31 मार्च से आगे बढाना होगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा उसकी भागीदार बीपी पीएलसी (ब्रिटेन) गैस कीमतों में बढोतरी की लंबे समय से मांग कर रही थी। जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने इसका कड़ा विरोध किया है। उसका कहना है यह फैसला रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
आप नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तेल मंत्री एम वीरप्पा मोइली, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। उनका आरोप था कि इन लोगों ने गैस कीमतें दोगुनी करने के लिए षडयंत्र किया। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की थी कि गैस कीमतों में बढोतरी को मंजूरी नहीं दी जाए।
इसके अलावा भाकपा नेता गुरूदास दासगुप्ता तथा एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ)ने भी दर बढाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। इस मुददे पर सुनवाई कल से फिर शुरू होगी। प्राकृतिक गैस के दाम बढाने का फैसला जून 2013 में किया गया था और इस बारे में अधिसूचना इस साल 10 जनवरी को जारी हुई। पेट्रोलियम मंत्रालय ने नयी कीमतों की घोषणा करने के लिए निर्वाचन आयोग की अनुमति मांगी थी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बारे में 13 मार्च को निर्वाचन आयोग की अनुमति मांगी थी। पेट्रोलियम सचिव चंद्रा इस दिन मुख्य चुनाव आयुक्त से मिले थे। (एजेंसी)

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