Trending Photos
केयर्न्स : जी-20 ने विभिन्न देशों के बीच कर सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के लिये 2017 तक व्यवस्था स्थापित करने का आज निर्णय किया। इस कदम से भारत को विदेशों में रखे गये काले धन की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
मौजूदा व्यवस्था के तहत संदिग्ध कर चोरी या अन्य वित्तीय अपराधों के मामलों में अनुरोधों के आधार पर सूचना का आदान-प्रदान होता है। नई व्यवस्था में कर सूचना का स्वत: आदान प्रदान होगा। जी-20 के बयान के अनुसार, ‘हम पारस्परिक आधार पर कर सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के लिये वैश्विक साझा रिपोर्टिंग मानक पर सहमति जताते हैं। यह सीमा पार कर चोरी से निपटने में महत्वपूर्ण मददगार होगा। हम 2017 के या 2018 के अंत तक तक एक-दूसरे के तथा अन्य देशों के साथ सूचना का स्वत: आदान प्रदान शुरू करेंगे।’
पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन :ओईसीडी: द्वारा जुलाई में तैयार नया वैश्विक मानक सभी देशों के लिये होगा। इससे बड़े करदाताओं के बारे में उनकी आय के स्रोत वाले देश से करदाता के निवास वाले देश को सूचनाओं के व्यवस्थित और निश्चित अंतराल पर उपलब्ध कराने का रास्ता साफ होगा। भारत कर चोरी रोकने के इरादे से इससे जुड़े मुद्दों तथा सूचना के स्वत: आदान-प्रदान को प्रमुखता से उठाता रहा है।
बैठक में भारत की तरफ से वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन, रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन तथा वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने भाग लिया। बयान में कहा गया है, ‘हम एक से अधिक देशों की कर व्यवस्थाओं से सम्बद्ध मामलों में इकाइयों और व्यक्तियों की ओर से नियमों के अनुपालन के मामले में अपने कर विभागों के बीच समन्वय एवं सहयोग का समर्थन करते हैं।’