नए स्पेक्ट्रम पर 5 फीसदी स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क

आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदने वाली कंपनियों को सालाना आय का पांच फीसदी स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के रूप में देना होगा। यह फैसला सोमवार को मंत्रियों के एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने किया।

नई दिल्ली : आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम खरीदने वाली कंपनियों को सालाना आय का पांच फीसदी स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के रूप में देना होगा। यह फैसला सोमवार को मंत्रियों के एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने किया। नीलामी तीन फरवरी को होगी। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "बिकने वाले सभी नए स्पेक्ट्रमों के लिए यह पांच फीसदी होगा, लेकिन यह भारित औसत (वेटेड एवरेज) पर लगेगा।" इस फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आखिरी मंजूरी मिलनी बाकी है।
सिब्बल ने कहा कि ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) के लिए एसयूसी एक फीसदी बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इसका लाभ आखिरकार उपभोक्ताओं को होगा। दूरसंचार आयोग की शनिवार को हुई बैठक में एसयूसी के लिए तीन विकल्पों पर विचार किया गया था-भारित औसत के साथ तीन फीसदी, भारित औसत के साथ पांच फीसदी और वर्तमान शुल्क को जारी रखना।
एसयूसी सालाना आय पर 3-8 फीसदी लगता है। स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले चक्र की सफलता के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक अप्रैल से सभी दूरसंचार सेवाओं के लिए एकसमान 3-5 फीसदी शुल्क का सुझाव दिया है।
2012-13 में सरकार को एसयूसी से 5,689 करोड़ रुपये की आय हुई है। तीन फरवरी को होने वाली 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आठ दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने आवेदन किया है। ये कंपनियां हैं रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन, टेलीविंग्स, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज और आईडिया सेल्युलर। सरकार को इस नीलामी से 40,874.50 करोड़ रुपये आय होने का अनुमान है। (एजेंसी)

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