आरबीआई की मौद्रिक नीति की समीक्षा आज, यथास्थिति बरकरार रहने की संभावना
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आरबीआई की मौद्रिक नीति की समीक्षा आज, यथास्थिति बरकरार रहने की संभावना

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक अप्रैल 2014 को प्रथम दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। वित्तीय बाजार का अनुमान है कि मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इससे वाहन, आवास तथा अन्य ऋण के मासिक किस्तों में बदलाव की उम्मीद नहीं है।

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ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक एक अप्रैल यानी मंगलवार को प्रथम दोमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। वित्तीय बाजार का अनुमान है कि मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इससे वाहन, आवास तथा अन्य ऋण के मासिक किस्तों में बदलाव की उम्मीद नहीं है।
विश्लेषकों ने कहा कि आगामी चुनाव के बाद बनने वाली सरकार की नीति के बारे में अनिश्चितता और आर्थिक आंकड़ों के कारण रिजर्व बैंक के गवर्नर प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बरकरार रखना पसंद करेंगे। दुन एंड ब्रैडस्ट्रीट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि हमें दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है। महंगाई दर, विकास दर और चुनाव को देखते हुए आरबीआई को यथास्थिति बरकरार रखनी चाहिए।
सिंह ने कहा कि महंगाई में हाल में आई नरमी से दरों में कटौती की गुंजाइश पैदा नहीं हुई है, क्योंकि कीमत बढ़ने का अंदेशा बना हुआ है। उन्होंने साथ ही कहा कि दरों में यदि वृद्धि की जाती है, तो विकास प्रभावित होगा। थोक महंगाई दर फरवरी में 4.68 फीसदी दर्ज की गई, जबकि उपभोक्ता महंगाई दर घटकर 25 महीने के निचले स्तर 8.10 फीसदी पर आ गई है। केपीएमजी इंडिया के प्रबंधन परामर्श कारोबार के साझेदार शाश्वत शर्मा ने कहा कि रेपो दर 8 फीसदी पर है। यदि इसे बढ़ाया जाता है, तो इससे कारोबार प्रभावित होगा। वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से जिस दर पर अल्पावधिक ऋण लेते हैं, उसे रेपो दर कहते हैं।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली एक समिति की सिफारिश पर आरबीआई ने अब हर दो महीने पर मौद्रिक नीति की घोषणा करने का फैसला किया है। पिछले कुछ वर्षो से यह घोषणा 45 दिनों पर की जाती थी। 1990 के दशक में आरबीआई यह घोषणा साल में सिर्फ दो बार करता था। 1997 में गवर्नर बने बिमल जालान ने तिमाही मौद्रिक समीक्षा का रिवाज शुरू किया और उनके बाद गवर्नर वाईवी रेड्डी ने मध्य तिमाही समीक्षा शुरू की। प्रथम दुमाही समीक्षा एक अप्रैल को घोषित होगी। उसके बाद अगली घोषणा मई के आखिर या जून के शुरू में होगी। तब तक नई सरकार के बन जाने की उम्मीद है। 28 जनवरी को घोषित मौद्रिक नीति में रिजर्व बैंक ने मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर दी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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