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नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इरादतन चूक (विलफुल डिफाल्टर) करने वालों पर अंकुश के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रहा है। हालांकि सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा ने कहा कि अभी ऐसी इकाइयों के पूंजी बाजार से धन जुटाने पर किसी तरह की रोक नहीं है।
सिन्हा ने आज यहां कहा कि हम इरादतन चूक करने वालों के लिए दिशानिर्देशों पर काम कर रहे हैं। इसमें कुछ समय लगेगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल ऐसी इकाइयों के धन जुटाने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया ने इसी महीने किंगफिशर एयरलाइंस, इसके प्रवर्तक विजय माल्या और तीन अन्य निदेशकों को विलफुल डिफाल्टर घोषित किया है। डिफाल्टर घोषित किंगफिशर एयरलाइंस और उसके निदेशक भविष्य में बैंकों से कर्ज नहीं ले सकेंगे। कंपनियों में वे निदेशक भी नहीं रह पाएंगे और जरूरी होने पर वसूली के लिए उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
इस बीच, सरकार बैंकों के ऋण की अदायगी जानबूझकर न करने वालों से निपटने के लिए संसद में एक अलग विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण व पुनर्गठन तथा सुरक्षा हित प्रवर्तन के अधिनियम (सरफेसी) कानून के तहत प्रबंधन में बदलाव, प्रवर्तकों के खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है। इस विधेयक को तैयार करने के लिए वित्तीय सेवा विभाग ने समिति का गठन किया है। यह समिति मौजूदा कानून में बदलाव के बारे में सुझाव देगी जिससे ऋण की वसूली को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।