राजकोषीय घाटे पर शिंकजा कसने, लोकलुभावन कदमों से बचने की जरूरत : कोचर
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राजकोषीय घाटे पर शिंकजा कसने, लोकलुभावन कदमों से बचने की जरूरत : कोचर

मोदी सरकार के पहले बजट से पहले देश की बैंकिंग क्षेत्र की जानीमानी हस्ती और आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा है कि सरकार राजकोषीय स्थिति की चुनौतियों और मुद्रास्फीति के दबाव को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा है कि बजट में खचरें और लोकलुभावन योजनाओं पर ‘कड़ा नियंत्रण’ की जरूरत है।

राजकोषीय घाटे पर शिंकजा कसने, लोकलुभावन कदमों से बचने की जरूरत : कोचर

मुंबई : मोदी सरकार के पहले बजट से पहले देश की बैंकिंग क्षेत्र की जानीमानी हस्ती और आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा है कि सरकार राजकोषीय स्थिति की चुनौतियों और मुद्रास्फीति के दबाव को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा है कि बजट में खचरें और लोकलुभावन योजनाओं पर ‘कड़ा नियंत्रण’ की जरूरत है।

कोचर ने कहा कि बजट में भविष्य में कराधान की प्रकृति और नियमों व प्रक्रियाओं को स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा, अटकी पड़ी परियोजनाओं की मंजूरियों के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है जिससे निवेशकों का विश्वास बहाल हो।

वित्त मंत्री अरुण जेटली चालू वित्त वर्ष का आम बजट 10 जुलाई को पेश करेंगे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि भारत को बिना सोचे समझे लोकलुभावन कदम उठाने और राजकोषीय सूझबूझ भरे कदम के विकल्प के बीच चुनाव करना है।

कोचर ने बातचीत में इस बजट में कड़वी गोली की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘ मुझे लगता है कि कुछ वास्तविकताएं हैं जिन्हें न तो बजट में नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही हम नजरअंदाज कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि राजकोषीय स्थिति बहुत तंग है, इसलिए हमें राजकोषीय स्थिति का समुचित जायजा लेना होगा.. फिर यह भी एक सच्चाई है कि इराक की समस्या के कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और हमें नहीं पता है कि मौजूदा मानसून के परिदृश्य में खाद्य मुद्रास्फीति क्या रूख अख्तियार करेगी।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि जब कोई जिम्मेदार सरकार बजट बनाती है तो वह ऐसी हकीकतों से भाग नहीं सकती। इसलिए बजट में खर्चों व लोकलुभावन योजनाओं पर कड़ा नियंत्रण करना होगा।’

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