निवेशकों का पैसा लौटाने का सहारा ने दिया नया प्रस्ताव
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निवेशकों का पैसा लौटाने का सहारा ने दिया नया प्रस्ताव

सहारा समूह ने अपने मुखिया सुब्रत राय को छुड़ाने के लिए के लिए निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपए सेबी के पास जमा कराने के बारे में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक नया प्रस्ताव पेश किया।

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नई दिल्ली : सहारा समूह ने अपने मुखिया सुब्रत राय को छुड़ाने के लिए के लिए निवेशकों का 20 हजार करोड़ रुपए सेबी के पास जमा कराने के बारे में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक नया प्रस्ताव पेश किया।
सहारा प्रमुख राय और समूह के दो निदेशक चार मार्च से न्यायिक हिरासत में दिल्ली के तिहाड़ कारागार में हैं। सहारा समूह ने शीर्ष अदालत को भरोसा दिया कि वह तीन कार्यदिवसों में 2500 करोड़ रुपए जमा कर देगा। उसके बाद 3500-3500 करोड़ रुपए की तीन किस्तें जून, सितंबर और दिसंबर के अंत तक जमा करा दी जाएंगी। शेष सात हजार करोड़ रुपए 31 मार्च, 2015 तक जमा करा दिए जाएंगे।
पर न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की पीठ ने इस प्रस्ताव को रिकार्ड पर लेने से इंकार करते हुए कहा कि सहारा समूह को यह दस्तावेज पहले रजिस्ट्री में दाखिल करना होगा और इसके बाद ही वह इस पर विचार करेंगे।
सहारा समूह ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि वह किसी भी बकाया राशि के लिए अपर्वितनीय बैंक गारंटी देने के लिए तैयार है। सहारा समूह ने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि उसे कंपनियों के जब्त किए गए बैंक खातों के संचालन की अनुमति दी जाए।
समूह ने इससे पहले इसी तरह के प्रस्ताव में कहा था कि वह तीन दिन के भीतर 2500 करोड़ रुपए नकद जमा कराने के लिए तैयार है और शेष 14,900 करोड रुपए का भुगतान पांच किस्तों में जुलाई, 2015 तक कर दिया जाएगा। समूह का तर्क है कि सिर्फ 15,400 करोड़ रुपए की ही देनदारी चुकानी शेष है।
शीर्ष अदालत ने सात मार्च को यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। लेकिन पीठ सुब्रत राय को हिरासत में रखने के शीर्ष अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता पर सुनवाई करती रही। सहारा समूह और राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी और सी ए सुन्दरम ने कहा कि शीर्ष अदालत का चार मार्च का आदेश गैरकानूनी है और इस याचिका पर फैसला मेरिट पर किया जाना चाहिए।
सेबी ने इससे पहले न्यायालय में कहा था कि राय की याचिका विचार योग्य नहीं है क्योंकि इसमें न्यायालय के फैसले को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी है। सेबी का कहना था कि राय इस आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध कर सकते हैं। इस मामले में आज सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। न्यायालय बुधवार को इसमें आगे सुनवाई करेगा। (एजेंसी)

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