सेंसर बोर्ड के सीईओ ने शाहरूख, सलमान और विद्या बालन से ली रिश्वत!
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सेंसर बोर्ड के सीईओ ने शाहरूख, सलमान और विद्या बालन से ली रिश्वत!

सेंसर बोर्ड के सीईओ ने शाहरूख, सलमान और विद्या बालन से ली रिश्वत!

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : फिल्म से आइटम गीत निकाल देने की सेंसर बोर्ड की धमकी के चलते प्रतीत होता है कि कुछ शीर्ष फिल्म निर्माताओं ने बोर्ड के मुख्य कार्य अधिकारी राकेश कुमार को रिश्वत दी थी। कुमार को सीबीआई ने रिश्वत के आरोपों में सोमवार को गिरफ्तार किया था।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने बताया कि कुमार तथा एक एजेंट एवं केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के परामर्श पैनल के एक सदस्य से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि बालीवुड के कुछ शीर्ष नामों ने ऐसा प्रतीत होता है कि अपनी फिल्म को समय पर मंजूरी दिलवाने के लिए धन का भुगतान किया था। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि कर रही है कि क्या ये दावे सही हैं और क्या उनका कोई साक्ष्यगत मूल्य है।

सीबीआई सूत्रों के हवाले से यह खबर भी सामने आई है कि सेंसर बोर्ड के सीईओ राकेश कुमार ने बॉलीवुड के कई बड़े सितारे से रिश्‍वत ली। यह रिश्‍वत फिल्‍म को सेंसर बोर्ड से पास कराने के एवज में लेने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, सलमान खान से उनकी फिल्‍म किक की रिलीज के लिए पैसे लेने के आरोप है। वहीं, शाहरूख खान से एक आने वाली फिल्‍म के रिश्‍वत लिया गया। इसके अलावा, फिल्‍म निर्माता रोहित शेट्टी से सिंघम रिटर्न्‍स और विद्या बालन से बॉबी जासूस के लिए रिश्‍वत लेने के भी आरोप हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि आम धमकी आइटम गीत को काट देने की थी। इसके अलावा मंजूरी को अंतिम समय तक टाला जाता था जिससे निर्माता व्यग्र हो जाते थे और प्रमाणपत्र पाने के लिए गैर कानूनी परितोषण देते थे। समय पर फिल्म के जारी नहीं होने के परिणामस्वरूप भारी नुकसान हो सकता था। सूत्रों ने बताया कि तीनों से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि हाल में जारी कई फिल्मों, जिनमें शीर्ष सितारों ने अभिनय किया था, के निर्माता उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने आइटम गीत के साथ अपनी फिल्म को मंजूरी दिलवाने के लिए भुगतान किया था।

एजेंसी ने कुमार को छत्तीसगढ़ की एक क्षेत्रीय फिल्म को मंजूरी देने के लिए 70 हजार रुपये की कथित रिश्वत की मांग करते हुए मुंबई से सोमवार को गिरफ्तार किया था। उसे विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया जहां से उसे आगे की पूछताछ के लिए तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा मामला केवल छत्तीसगढ़ की फिल्म से संबंधित है और बालीवुड के किसी अन्य निर्माता या निर्देशक कुमार के खिलाफ शिकायत के लिए सामने नहीं आया है। एजेंसी ने एजेंट श्रीपति मिश्रा और सेंसर बोर्ड के परामर्श पैनल के सदस्य सर्वेश जायसवाल को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि उन्हें कुमार की ओर से कथित रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि सेंसर प्रमाणन के एक अधिकृत एजेंट ने सीबीआई से संपर्क कर आरोप लगाया कि मिश्रा छत्तीसगढ़ से क्षेत्रीय फिल्म ‘मोर डोकी के बिहाव’ को सेंसर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कुमार की ओर से 70 हजार रुपये मांग रहा है। भारतीय रेलवे सेवा का कार्मिक अधिकारी कुमार इस साल जनवरी में सेंसर बोर्ड का सीईओ बना था। सूत्रों ने बताया कि फिल्म के निर्माता तुरंत प्रमाणपत्र चाहते थे क्योंकि फिल्म को जारी करने की तारीख 15 अगस्त थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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