ज़ी मीडिया ब्यूरो
मुंबई : साल 2002 के हिट एंड रन मामले में अभिनेता सलमान खान के खिलाफ नए सिरे से चलाए जा रहे मुकदमे में और विलंब हो सकता है क्योंकि पुलिस ने गुरुवार को अदालत को सूचित किया कि गवाहों के ज्यादातर मूल बयान और यहां तक कि केस डायरी भी गायब है।
अदालत ने अब पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 12 सितंबर तक दस्तावेजों का पता लगाए। पुलिस ने अदालत को आज पहली बार सूचित किया कि केस डायरी भी गायब है। इससे पहले उन्होंने अदालत से कहा था कि गवाहों के 63 मूल बयानों में से सिर्फ 7 का पता लगाया जा सका है। हालांकि, छाया प्रति उपलब्ध है। सलमान के वकील श्रीकांत शिवाडे ने दावा किया कि कानून के अनुसार मुकदमा को आगे बढ़ाने के लिए अदालत के समक्ष मूल दस्तावेजों को पेश करने की आवश्यकता है जबकि अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि मुंबई की अदालतों में स्थापित प्रचलन के अनुसार मुकदमा छाया प्रति के साथ भी चल सकता है।
सत्र न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने पुलिस से कहा कि वह अगली सुनवाई के दौरान अपने रुख के बारे में बताएं। अदालत उसके बाद इस बात की जांच करेगी कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के पास कौन से दस्तावेज हैं और क्या उनके आधार पर मुकदमे पर आगे बढ़ना सही होगा। पुलिस के अनुसार मूल दस्तावेज मजिस्ट्रेट की अदालत में रखे गए थे जहां 2002 से मुकदमा चल रहा था। हालांकि, मुकदमे की सुनवाई सत्र अदालत को सौंपे जाने के बाद से गवाहों के ज्यादातर मूल बयान और केस डायरी का पता नहीं लगाया जा सका है। एक दशक से अधिक समय से खिंच रहे मामले में तब नया मोड़ आया था जब मजिस्ट्रेट ने 17 गवाहों का परीक्षण करने के बाद कहा था कि सलमान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है और मामले को सत्र अदालत के पास भेज दिया था क्योंकि उस अपराध के लिए मुकदमे की सुनवाई उच्चतर अदालतें ही कर सकती हैं।
पिछले साल पांच दिसंबर को सत्र अदालत ने इस आधार पर नए सिरे से मुकदमे का आदेश दिया था कि गवाहों का गैर इरादतन हत्या के बड़े आरोप के संदर्भ में परीक्षण नहीं किया गया था। सलमान पर सुनवाई के बीच में मजिस्ट्रेट अदालत ने हत्या के बड़े आरोप लगाए थे। गैर इरादतन हत्या के आरोप के तहत 10 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि अभिनेता के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत इससे पहले लापरवाही से मौत को अंजाम देने के हल्के आरोपों के लिए मुकदमा चला रही थी। उन आरोपों के लिए दो साल के कारावास की सजा का प्रावधान है।
न्यायाधीश ने तत्कालीन जांच अधिकारी किशन शेंगल से भी 12 सितंबर को गायब दस्तावेजों पर प्रकाश डालने के लिए उपस्थित होने को कहा। शेंगल सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सलमान के वकील ने कहा कि चूंकि मामला बेहद संवेदनशील और गंभीर अपराध से संबंधित है इसलिए कानून के अनुसार अदालत के समक्ष मूल दस्तावेज रखे जाने की आवश्यकता है क्योंकि छाया प्रतियां पर्याप्त नहीं होंगी।
अदालत ने गत 25 जुलाई को बांद्रा पुलिस से गायब बयानों के अलावा केस डायरी को आज अदालत के समक्ष पेश करने को कहा था लेकिन आज सूचित किया गया कि केस डायरी भी गायब है। गौरतलब है कि 28 सितंबर 2002 को अभिनेता की कार ने एक बेकरी के बाहर पटरी पर सो रहे लोगों के एक समूह पर अपनी कार चढ़ा दी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।
गौर हो कि सलमान पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और गैर इरादतन हत्या का आरोप है। साल 2002 में सलमान की लैंड क्रुजर कार ने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को टक्कर मार दी थी, जिसमें से एक की मौत हो गई थी और 4 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। (एजेंसी इनपुट के साथ)