प्रजापति मुठभेड़: सीबीआई 30 तक आरोपपत्र दायर करे
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प्रजापति मुठभेड़: सीबीआई 30 तक आरोपपत्र दायर करे

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से कहा है कि वह संदिग्ध गैंगस्टर तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ कांड में 30 जून तक आरोपपत्र दाखिल करे। न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए आज सीबीआई को अतिरिक्त समय प्रदान किया।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो से कहा है कि वह संदिग्ध गैंगस्टर तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ कांड में 30 जून तक आरोपपत्र दाखिल करे। न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए आज सीबीआई को अतिरिक्त समय प्रदान किया।
इससे पहले, जांच ब्यूरो के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि इस मामले में जांच अंतिम चरण में है और उसे आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कुछ और वक्त चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल 2011 में तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ कांड की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई को छह महीने के भीतर जांच पूरी करनी थी। यह चौथा अवसर था जब सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था।
सीबीआई के अनुसार गुजरात और राजस्थान पुलिस ने प्रजापति को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था क्योंकि वह नवंबर, 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी के अपहरण की घटना का चश्मदीद गवाह था। सीबीआई का दावा है कि हैदराबाद से सांगली जा रही बस में सोहराबुद्दीन दम्पति के साथ यात्रा कर रहा तीसरा व्यक्ति तुलसीराम प्रजापति ही था। गुजरात पुलिस ने सीबीआई के इस दावे को निराधार करार दिया है। गुजरात पुलिस के अनुसार बस में यात्रा कर रहा तीसरा व्यक्ति आंध्र प्रदेश का कलीमुद्दीन था।
सीबीआई ने ही सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ कांड की जांच भी की है। इस मामले में गुजरात के पुलिस उप महानिरीक्षक डी जी वंजारा और पुलिस अधीक्षक राज कुमार पांडियान सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। (एजेंसी)

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