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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को यह कहकर जेल में बंद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जाने और वहां उनके वकीलों की मदद करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया कि उन्हें कानूनी सलाह मशविरे के लिए पर्याप्त समय दिया गया.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा, ‘मुझे आवेदन में कोई दम नजर नहीं आता और इसे खारिज किया जाता है.’ उन्होंने द्रमुक नेता को अनुमति नहीं देने के तीन कारण बताए. अदालत ने अपने पांच पृष्ठ के फैसले में कहा कि उसे शीर्ष अदालत से इस बारे में कोई ‘मांग’ नहीं मिली है कि राजा को उसके समक्ष पेश किया जाए और इसके अतिरिक्त सभी 14 आरोपियों को उनके वकीलों के साथ सलाह मशविरे की अनुमति दी जा रही है. आरोपी को यह अधिकार नहीं है कि उन्हें सुना जाए, खासकर तब जब मामले में अब भी जांच लंबित है.
अदालत ने कहा कि राजा का यह आवेदन कि वह अपने वकील को जानकारी नहीं दे पाए स्वीकार्य नहीं है. पहले उक्त मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. उच्चतम न्यायालय से उनकी पेशी के संबंध में कोई मांग नहीं की गई है. इस तरह आरोपी को किसी निर्देश के बिना उच्चतम न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
अदालत ने कहा ‘दूसरा हर तारीख पर आरोपी को अदालत कक्ष में खुद आधा या एक घंटे से अधिक समय तक अपने वकील के साथ सलाह मशविरा करने की मंजूरी है और यह छूट उन्हें हर रोज मिल रही है क्योंकि मुकदमा रोजाना की सुनवाई के आधार पर चल रहा है. इस तरह आरोपी को यह कहते हुए नहीं सुना जा सकता कि वह अपने वकील को जानकारी देने में सक्षम नहीं है.’ (एजेंसी)