`बौद्धिक साइबर हथियारों को रोकना मुश्किल`
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`बौद्धिक साइबर हथियारों को रोकना मुश्किल`

ताल्लिन के नाटो साइबर रक्षा केंद्र में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ एन. तैयुग्यु का कहना है कि साइबर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हो रहे घटनाक्रम की परिणति बौद्धिक साइबर हथियारों के रूप में हो सकती है जिन पर नियंत्रण मुश्किल है।

ताल्लिन : सूचना प्रौद्योगिकी जगत के रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि साइबर युद्ध प्रौद्योगिकी में जल्द ही कथित ‘बौद्धिक साइबर हथियारों’ की नई पीढ़ी शामिल हो सकती है जिन्हें आभासी (वर्चुअल) तौर पर रोकना संभव नहीं होगा।
ताल्लिन के नाटो साइबर रक्षा केंद्र में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ एन. तैयुग्यु ने कल संस्थान की चौथी सालाना बैठक में कहा, ‘साइबर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हो रहे घटनाक्रम की परिणति बौद्धिक साइबर हथियारों के रूप में हो सकती है जिन पर नियंत्रण करना मुश्किल है।’ उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे हमलों से निपटने के लिए विकसित किए गए प्रोग्राम स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं और हो सकता है कि उनमें आपस में ही टकराव हो जाए।

तैयुग्यु ने कहा कि ये प्रोग्राम स्वायत्त होते हैं और एक अपरिचित माहौल में स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं लेकिन किसी बिन्दु पर उन्हें नियंत्रण करना मुश्किल हो सकता है जिसकी वजह से खुद इन एजेंटों के बीच ही साइबर टकराव हो सकता है। (एजेंसी)

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