सियाचिन और कश्मीर पर भी हो वार्ता: पाक
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सियाचिन और कश्मीर पर भी हो वार्ता: पाक

पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ फिर से शुरू हुई वार्ता में केवल वाणिज्य मामलों में ठोस प्रगति हुई है जबकि शांति प्रकिया को बनाये रखने के लिये सियाचिन और कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर ‘प्रगति होनी’ चाहिए।

नई दिल्ली : पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ फिर से शुरू हुई वार्ता में केवल वाणिज्य मामलों में ठोस प्रगति हुई है जबकि शांति प्रकिया को बनाये रखने के लिये सियाचिन और कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर ‘प्रगति होनी’ चाहिए। भारत में पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त शाहिद मलिक ने दोनों देशों के बीच वर्तमान माहौल को ‘संतोषजनक’ बताया।
बहरहाल उन्होंने चेतावनी दी कि ‘अवसर की खिड़की काफी छोटी’ है जिसका उपयोग दोनों देशों को अच्छे तरीके से करना चाहिए। मलिक ने कहा कि मेरा मानना है कि लगातार बैठकों और वार्ता से कुछ प्रगति दिख रही है। कई क्षेत्रों में काफी प्रगति देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह भी महत्वपूर्ण है कि जो मुद्दे और समस्याएं आगे नहीं बढ़ रही हैं उन्हें भी साथ-साथ चलना चाहिए । ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक अंतिम पड़ाव पर पहुंच रहा हो और दूसरा मंझधार में हो। पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कहा कि यह ‘अच्छा’ है कि वाणिज्य संबंध बढ़ रहे हैं क्योंकि वे खुद अपनी राह बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन मैं चाहूंगा कि इसके साथ ही सियाचिन, सर क्रीक, कश्मीर और जल मुद्दों पर भी प्रगति होनी चाहिए। इनमें भी प्रगति होनी चाहिए। यह पूछने पर कि क्या उनका मतलब है कि जिन मुद्दों पर वह चर्चा कर रहे हैं उनमें कोई प्रगति नहीं हुई है तो मलिक ने कहा, ‘‘यह जिस स्तर पर होना चाहिए उस पर नहीं हो रहा। यह अच्छा है कि वाणिज्य बढ़ रहा है लेकिन मैं चाहूंगा कि अन्य चीजें भी उसी गति से बढ़नी चाहिए।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ बैठक में की गयी उस टिप्पणी के बारे में पूछने पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवाद पर उठाए गए कदमों के आधार पर भारत पाकिस्तान का आकलन करेगा, मलिक ने कहा कि उनके देश में कोई आतंकवादी ‘पनाहगार’ नहीं है । उन्होंने कहा कि उनका देश मुंबई हमला मामले में रावलपिंडी में चल रही सुनवाई को लेकर गंभीर है । उन्होंने कहा कि ऐसी (पनाहगार) कोई बात नहीं है। हम आतंकवाद के व्यवसाय में नहीं हैं। हम खुद ही आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ितों में शामिल हैं। मलिक ने कहा कि हम बार-बार इससे इंकार कर रहे हैं कि पाकिस्तान में ऐसी सुरक्षित पनाहगार है जो भारत के खिलाफ है। ऐसी कोई बात नहीं है। मुंबई मामले में बार-बार न्यायाधीशों को बदलने के बारे में मलिक ने कहा कि अगर न्यायाधीश बदलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि पाकिस्तान मामले में देर करने का प्रयास कर रहा है। यह सिर्फ प्रक्रियागत मामला है। पाकिस्तान में चल रहे मामले में इस हफ्ते की शुरुआत में पांचवीं बार न्यायाधीश को बदल दिया गया।
मलिक ने कहा कि पाकिस्तान में यह मामला ठीक तरीके से चल रहा है और बयान दर्ज करने के लिए हाल में पाकिस्तानी न्यायिक आयोग के भारत दौरे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मामले को फास्ट ट्रैक करना चाहता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि समझौता विस्फोट मामले में पाकिस्तान जवाब का इंतजार कर रहा है क्योंकि उसमें 60 से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे। (एजेंसी)

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