भोपाल का विषैला कचरा जर्मनी में लगेगा ठिकाने
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भोपाल का विषैला कचरा जर्मनी में लगेगा ठिकाने

मध्य प्रदेश सरकार को एक मंत्रीसमूह ने जर्मनी में यूनियन कार्बाइड के 350 मीट्रिक टन विषले कचरे को ठिकाने लगाने की शुक्रवार को अनुमति दे दी। फैसले के अनुसार केंद्र सरकार कचरे को विमान से भेजने में आने वाली 25 करोड़ रुपये की लागत वहन करेगी। कचरे को साल भर में ठिकाने लगा दिया जाएगा।

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश सरकार को एक मंत्रीसमूह ने जर्मनी में यूनियन कार्बाइड के 350 मीट्रिक टन विषले कचरे को ठिकाने लगाने की शुक्रवार को अनुमति दे दी। फैसले के अनुसार केंद्र सरकार कचरे को विमान से भेजने में आने वाली 25 करोड़ रुपये की लागत वहन करेगी। कचरे को साल भर में ठिकाने लगा दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री बाबू लाल गौर ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रीसमूह ने राज्य सरकार से कहा है कि वह दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में समझौते के कागजात तैयार करे। गौर ने बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है। कचरे को जर्मनी भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगली बैठक से पहले केंद्र को समझौते के कागजात सौंपेगी। मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों के मुताबिक कचरे को जर्मनी की एजेंसी जीआईजेड आईएस ठिकाने लगाएगी। फिलहाल यह कचरा भोपाल में पूर्व की मेसर्स यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के परिसर में पडा है।
यूनियन कार्बाइड के संयंत्र में दो और तीन दिसंबर 1984 की रात विषली गैस का रिसाव हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौत के 5295 मामलों, स्थायी विकलांगता के 4902 मामलों, मामूली घायलों के पांच लाख 27 हजार 894 मामलों और अस्थायी विकलांगता के 35 हजार 455 मामलों में 3000 करोड़ रुपये ेस अधिक का मुआवजा दिया जा चुका है। (एजेंसी)

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