2जी स्पेक्ट्रम केस: अदालत ने राजा, कनिमोई और दयालु अम्मल को दी जमानत

दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2 जी घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र में नामित पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और सात अन्य लोगों को बुधवार को जमानत दे दी।

2जी स्पेक्ट्रम केस: अदालत ने राजा, कनिमोई और दयालु अम्मल को दी जमानत

नई दिल्ली : दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2 जी घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र में नामित पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और सात अन्य लोगों को बुधवार को जमानत दे दी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने कहा, ‘सभी जमानत याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं।’ विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं को पांच लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि जमा करने का आदेश दिया।

इससे पहले, अदालत ने द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल को भी जमानत दी। अदालत ने 83 वर्षीय अम्मल को पांच लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशियों पर जमानत दी।

बहरलहाल, अदालत ने अम्मल की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य और मानसिक अस्वस्थता के आधार पर इस मामले से आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था। अदालत ने अम्मल के वकील को दो दिन के भीतर जमानत मुचलका पेश करने का निर्देश दिया।

अदालत ने छह अगस्त को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले में आरोपित अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर आदेश आज तक के लिए सुरक्षित रखे थे। प्रवर्तन निदेशालय ने कुल 19 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किये, जिनमें 10 लोग और 9 कंपनियां थीं। इस मामले में ईडी ने कहा था कि कथित तौर पर द्रमुक संचालित कलैंगर टीवी को 200 करोड़ रुपए का भुगतान ‘सही नहीं’ था और ‘यह डीबी समूह कंपनियों को दूरसंचार लाइसेंस दिलाने के लिए रिश्वत’ था।

एजेंसी ने कहा था कि कलैंगर टीवी में अम्मल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी जबकि कनिमोई और शरद कुमार के पास 20-20 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। यह भी दावा किया गया था कि इस मामले में उसकी जांच 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले से जुड़ी है और आरोपियों ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर षडयंत्र और अपराध किए हैं।

राजा और कनिमोई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने स्वान टेलीकॉम के प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स ऐंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैंगर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड के फिल्म निर्माता करीम मोरानी, अम्मल और पी अमृतम को इस मामले में आरोपी बनाया था। इन सभी ने जमानत याचिकाएं दायर की थी जिन्हें अदालत ने मंजूर कर लिया ।

प्रवर्तन निदेशालय ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (पहले कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी), सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पहले सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी), कलैंगर टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनेमिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन्स एंड डेवलपर्स (पी) लिमिटेड, डीबी रियल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

जमानत याचिकाओं पर बहस के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने तर्क दिया कि आरोपियों ने धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत धनशोधन के दंडनीय अपराध किए हैं। बहरहाल, बचाव पक्ष के वकील ने ईडी के दावों का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी की ओर से दाखिल किया गया आरोपपत्र ‘अंतर्विरोधी’ है और कलैंगर टीवी को 200 करोड़ रूपए का धनांतरण एक ‘जायज व्यावसायिक धनांतरण’ था। राजा को दिसंबर, 2010 में 2जी घोटाला मामले में पूछताछ के लिये सीबीआई द्वारा समन दिये जाने के बाद डीबी समूह को दो सौ करोड़ रूपए लौटाये जाने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय के आरोप के जवाब में बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया था कि टीवी चैनल को दिया गया अधिकांश धन उससे पहले ही लौटा दिया गया था।

राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई पहले आरोप पत्र दायर कर चुकी है।

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