आरूषि हत्याकांड: SC ने तलवार दंपत्ति की अपील ठुकराई
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आरूषि हत्याकांड: SC ने तलवार दंपत्ति की अपील ठुकराई

अपनी बेटी आरूषि और नौकर हेमराज की हत्या के मामले में आरोपी राजेश और नूपुर तलवार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा थी। तलवार दंपत्ति ने नौकरों की पॉलीग्राफी टेस्ट, ब्रैन मैपिंग की रिपोर्ट मांग थी।

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जी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: अपनी बेटी आरूषि और नौकर हेमराज की हत्या के मामले में आरोपी राजेश और नूपुर तलवार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज (मंगलवार को) ठुकरा थी। तलवार दंपत्ति ने नौकरों की पॉलीग्राफी टेस्ट, ब्रैन मैपिंग की रिपोर्ट मांग थी। इससे पहले सीबीआई अदालत ने सीबीआई अदालत ने ‘खुकरी’ के एक बार और डीएनए परीक्षण कराने को लेकर उसे ब्रिटिश फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजने का आग्रह को खारिज कर दिया था। तेज धार वाले हथियार ‘खुकरी’ को अपराध में हस्तेमाल किए जाने का संदेह है जिसे तलवार के कंपाउंडर कृष्णा के कमरे से बरामद किया गया था।
सीबीआई केस में कहा गया है कि पांच वर्ष पहले 14 वर्षीय आरूषि की हत्या उसके माता पिता ने ही की थी क्योंकि घर में बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। आरूषि 16 मई 2008 को अपने कमरे में मृत पाई गई थी और उसका गला कटा हुआ था। प्रारंभ में शक घरेलू नौकर हेमराज पर गया था लेकिन बाद में उसका शव भी छत पर मिला था।
रहस्य बनकर रह जाएगी आरूषि की हत्या?
आरूषि तलवार और हेमराज की हत्या किसने की? दोनों की हत्या के पांच साल बीत जाने के बाद भी यह सवाल अब तक अनसुलझा है कि आखिर इनकी हत्या के मुजरिम कौन हैं। 14 साल की आरूषि नोएडा के अपने घर में मृत मिली थी, जबकि उसके घरेलू नौकर हेमराज का शव एक दिन बाद छत पर मिला था। गाजियाबाद स्थित कोर्ट में अपनी बेटी और घरेलू नौकर की हत्या के मामले में दंत चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार के खिलाफ सुनवाई चल रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने दिसंबर 2010 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था, जिसमें उसने कहा था कि राजेश मुख्य संदिग्ध थे लेकिन उनके खिलाफ सबूत नहीं थे। अब सीबीआई की दलील है कि अभिभावक ही जिम्मेदार हैं। यह बात समझ से परे है कि पहले तो उनके खिलाफ सबूत नहीं थे और अब वह लोग हत्या के जिम्मेदार हो गए। कुल मिलाकर यह मामला हमेशा उलझा रहा या फिर उलझाया गया, यह बात भी समझ से परे है।
दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा आरूषि, 16 मई 2008 की सुबह नोएडा के जलवायु विहार अपार्टमेंट के अपने घर में मृत मिली थी। आरूषि की हत्या केस में पहले हेमराज को प्रमुख संदिग्ध माना गया, लेकिन एक दिन बाद उसका शव छत पर मिला। तब से पांच साल बीत गए, लेकिन सुनवाई का कुछ नहीं निकला।
आरूषि के पिता राजेश तलवार को हत्या के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था और 50 दिनों बाद सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया था। नूपुर को अप्रैल 2012 में हिरासत में लिया गया और 25 सिंतबर को जमानत पर रिहा किया गया। सीबीआई ने गाजियाबाद की विशेष अदालत में दिसंबर 2010 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की।

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