नितिन गडकरी 'जासूसी' प्रकरण: सरकार ने मामले की जांच की मांग को किया खारिज
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नितिन गडकरी 'जासूसी' प्रकरण: सरकार ने मामले की जांच की मांग को किया खारिज

नितिन गडकरी के निवास से बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण पाए जाने की खबर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने इसे कोरी कल्पना बताया जबकि कांग्रेस ने यहां तक कहा कि यह राजग सरकार के मंत्रियों के बीच परस्पर विश्वास और भरोसे की कमी को दर्शाता है।

नितिन गडकरी 'जासूसी' प्रकरण: सरकार ने मामले की जांच की मांग को किया खारिज

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : नितिन गडकरी के निवास से बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण पाए जाने की खबर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने इसे कोरी कल्पना बताया जबकि कांग्रेस ने यहां तक कहा कि यह राजग सरकार के मंत्रियों के बीच परस्पर विश्वास और भरोसे की कमी को दर्शाता है। एक मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी के यहां 13 तीन मूर्ति लेन स्थित निवास के बेड रूम से उच्च शक्ति वाला सुनने का उपकरण पाया गया है। इसमें कहा गया है कि इस उपकरण की जानकारी अचानक मिली और इसे तुरंत हाटने के आदेश दिए गए।

उधर, गृह मंत्रालय ने सोमवार को गडकरी के दिल्‍ली स्थित घर में जासूसी उपकरण पाए जाने की खबरों के बाद मामले की जांच करवाए जाने की मांग को खारिज कर दिया। केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री किरण रिजिजु ने एक न्‍यूज चैनल से कथित तौर पर कहा कि गडकरी ने खुद इस तरह की खबर को काल्‍पनिक करार दिया है। यदि ऐसा है तो हम कैसे इसमें हस्‍तक्षेप कर सकते हैं। गौर हो कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निवास पर खुफिया उपकरण मिलने की रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए तथा उन्होंने सरकार से संसद में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने मांग की।

गडकरी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर टिप्पणी में कहा कि मीडिया के एक वर्ग में आई ये खबरें सरासर काल्पनिक हैं कि मेरे नई दिल्ली स्थित निवास से बातें सुनने वाला उपकरण पाया गया है। केंद्रीय मंत्री के करीबी सूत्रों ने भी इस तरह का कोई उपकरण पाये जाने से इंकार किया है। इस उपकरण के बारे में खबर में कहा गया है कि यह उच्च क्षमता का है और सामान्य तौर पर इस तरह के उपकरण का इस्तेमाल पश्चिमी एजंसियों द्वारा किया जाता है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता डा सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि चूंकि गडकरी एक बहुत ही महत्वपूर्ण नेता रहे हैं और उन्हें आरएसएस का विश्वास रहा है, हो सकता है कि उन्हें संप्रग सरकार द्वारा निशाना बनाया गया हो। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर भारत सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी के निवास पर बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण लगे होने की खबरें सही हैं तो निश्चित ही यह गंभीर मामला है । उन्होंने कहा कि यह मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बीच विश्वास की कमी और आपसी भरोसे के अभाव को दर्शाता है। समय का तकाजा है कि नितिन गडकरी, सरकार और भाजपा इस मुद्दे पर स्थिति साफ करे और अगर कोई जासूसी हुई है और खुफियागिरी कराई गयी है तो देश की जनता को बताएं।

स्वामी ने कहा कि मेरी खुद की जांच और मेरे सूत्रों ने खुलासा किया है कि पिछले साल अक्‍टूबर के बाद नहीं हो सकता है। उपकरण को वहां लगाना और उसका मतलब हुआ कि यह ऐसे समय में हुआ जब यूपीए सत्ता में थी। एनएसए ने खासतौर पर भाजपा को निशाना बनाया और गडकरी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उन्हें आरएसएस का विश्वास प्राप्त था।

कांग्रेस के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने इस मामले में प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अगर कोई जांच का आदेश दिया जाता है तो इसके पूरे तथ्यों को संसद के पटल पर रखा जाना चाहिए ताकि देश को यह पता चले कि क्या इसमें कोई सच्‍चाई है। भाकपा के डी राजा ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इस बात पर आश्चर्य जताया कि कोई कैसे अवैध तरीके से गडकरी के निजी कक्ष तक पहुंच सकता है।

उधर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निवास पर खुफिया उपकरण मिलने की रिपोर्ट की जांच होनी चाहिए तथा उन्होंने सरकार से संसद में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने मांग की। उन्होंने यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में संवाददाताओं से कहा कि यदि मंत्रियों के निवास की जासूसी होती है तो यह शुभ संकेत नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। यह कैसे हो सकता है? सरकार को इस पर संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए। मीडिया की खबर में दावा किया गया है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी के निवास 13, तीनमूर्ति लेन में उनके शयनकक्ष में उच्च क्षमता श्रव्य उपकरण मिले हैं। हालांकि गडकरी ने इस खबर को बिल्कुल ही अटकलबाजी करार दिया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि मीडिया के एक हिस्से में मेरे नई दिल्ली निवास पर श्रव्य उपकरण मिलने की जो खबर आई है वह बिल्कुल ही अटकलबाजी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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