दिल्ली: बिजली संकट पर राजनीति शुरू, भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने

दिल्ली में बिजली कटौती को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। लगातार होने वाली लंबी बिजली कटौती के बीच आम आदमी पार्टी के 20 से ज्यादा विधायकों ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के पूर्वी दिल्ली स्थित घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और शहर में बिजली आपूर्ति सुधार के लिए केंद्र की ओर से जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली में बिजली कटौती को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। लगातार होने वाली लंबी बिजली कटौती के बीच आम आदमी पार्टी के 20 से ज्यादा विधायकों ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के पूर्वी दिल्ली स्थित घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और शहर में बिजली आपूर्ति सुधार के लिए केंद्र की ओर से जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की।
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली केंद्र के शासन के अधीन है इसलिए जनता को आम सुविधाओं समेत पर्याप्त शासन व्यवस्था उपलब्ध करवाना केंद्र की जिम्मेदारी है। आप विधायकों को हर्षवर्धन के घर पर ले जाने वाले सिसोदिया ने कहा, भाजपा केंद्र में सत्ता में है और हर्षवर्धन दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष होने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी हैं। दिल्ली में बिजली आपूर्ति की समस्या को हल करना केंद्र में सत्तासीन दल की जिम्मेदारी है। इसलिए हम यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि 22 आप विधायक वर्धन के घर पर आए और उन्होंने उनके निजी स्टाफ को एक ज्ञापन पत्र सौंपा।
डॉ हर्षवर्धन ने बाद में आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि शहर में बिजली की स्थिति के लिए कांग्रेस और आप को मिलकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 49 दिन की सरकार में उन्होंने क्या किया? केजरीवाल ने पूछिए 49 दिनों में उन्होंने क्या किया? कांग्रेस ने पिछले 15 सालों में ट्रांसमिशन लाइनें लगाने के लिए क्या किया? मीडिया यहां आकर मुझसे क्यों पूछ रहा है?
विरोध प्रदर्शन करने वाले आप के पूर्व मंत्रियों में सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती, गिरीश सोनी और सौरव भारद्वाज शामिल थे। आप के विधायक सुबह लगभग साढ़े आठ बजे आए। यहां उन्होंने एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया, ज्ञापन सौंपा और फिर कुछ देर बाद चले गए। आप विधायकों के आने से लगभग दस मिनट पहले ही वर्धन अपने घर से निकले थे।
शहर में आए भयंकर तूफान के कारण बिजली संचरण करने वाली लाइनों के क्षतिग्रस्त हो जाने की वजह से दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से एक से छह घंटे तक की बिजली कटौती हो रही है। बिजली कटौती के लिए भाजपा को जिम्मेदार बता रही कांग्रेस और आप का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती।
बिजली की स्थिति कल उस समय और बिगड़ गई, जब बिजली आपूर्ति की वे लाइनें ठप्प पड़ गईं, जिनकी मरम्मत दिल्ली सरकार के प्रतिष्ठान दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ने की थी। डीटीएल ने 30 मई को आए तूफान में नष्ट हुई सभी लाइनों की मरम्मत अभी करनी है।
बिजली कटौती से परेशान सीलमपुर इलाके के लोगों ने सोमवार रात बिजली घर के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के विधायकों और पूर्व विधायकों ने कल बिजली की स्थिति में सुधार की मांग करते हुए मुख्य सचिव को उनके कमरे में बंद करके डेढ़ घंटे से ज्यादा समय के लिए दिल्ली सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया।

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