नई दिल्ली : मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद के साथ मुलाकात को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच योग गुरु बाबा रामदेव के करीबी समझे जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने सोमवार को कांग्रेस के इन आरोपों को गलत बताया कि वह सरकार के दूत के रूप में हाफिज से मिले थे।
वैदिक ने कहा कि वह ‘किसी के दूत नहीं है बल्कि स्वयं के दूत हैं।’ हाफिज से अपनी मुलाकात को सही बताते हुए उन्होंने कहा कि वह हर तरह के लोगों से मुलाकात करते हैं और यह उनके लिए ‘साधारण बात’ है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘दशकों से पाकिस्तान के पत्रकार मुझे जानते हैं। उन्होंने मुझे (सईद से मुलाकात) यह अवसर देने की पेशकश की और मैंने कहा कि ठीक है, मैं उनसे मिलूंगा। मेरे लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। यह एक साधारण सी बात है। मेरे लिए यह एक सामान्य बैठक थी। मैं नेपाल के माओवादियों, अफगानिस्तान के तालिबान से... मिलता रहा हूं।’
पत्रकारों और नेताओं के एक समूह के साथ पाकिस्तान की यात्रा पर गए वैदिक ने लाहौर में दो जुलाई को जमात उद दावा के प्रमुख से मुलाकात की थी। जमात उद दावा को आतंकवादी संगठन लश्कर ए तय्यबा का मुख्य संगठन माना जाता है। इन पत्रकारों और नेताओं को पाकिस्तान के एक शांति शोध संस्थान ने आमंत्रित किया था।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है कि क्या वैदिक राजग सरकार या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निजी दूत के रूप में सईद से मिले हैं?
वैदिक ने ट्विट किया, ‘यदि वे इसे संसद में उठाते हैं तो यह अच्छा है क्योंकि इससे न चाहते हुए भी मुझे पब्लिसिटी मिलेगी। लेकिन इससे कुछ निकलने वाला नहीं है।’ इस बीच रामदेव ने वैदिक के बचाव में उतरते हुए कहा कि इस वरिष्ठ पत्रकार ने संभवत: इस अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी का ‘हृदय परिवर्तन’ करने का प्रयास किया होगा।
योग गुरु ने कहा, ‘वह एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और यदि किसी भी संदर्भ में वह किसी से मिलते हैं तो इसके पीछे जरूर कुछ कारण होगा।’