मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं भारत-चीन: मोदी
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मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं भारत-चीन: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा से एक दिन पहले दोनों देशों के रिश्तों के ‘इंच से मीलों’ की ओर बढ़ने की उम्मीद जताई और कहा कि भारत और चीन के संबंधों की ‘केमिस्ट्री (गुणधर्म) और अंकगणित’ मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं।

मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं भारत-चीन: मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा से एक दिन पहले दोनों देशों के रिश्तों के ‘इंच से मीलों’ की ओर बढ़ने की उम्मीद जताई और कहा कि भारत और चीन के संबंधों की ‘केमिस्ट्री (गुणधर्म) और अंकगणित’ मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं।

मोदी ने मंगलवार को यहां चीन के पत्रकारों से बातचीत के दौरान दोनों देशों के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हमारे रिश्ते साधारण गणित से बयां नहीं किए जा सकते हैं। उनका एक अनूठा गुणधर्म है जो निर्णायक मोड़ ला सकता है।’ प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के द्विपीक्षीय संबंधों के ‘इंच से मीलों की ओर बढ़ने’ की संभावनाएं जताते हुए कहा, ‘हर इंच आगे बढ़ने पर हम मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं और हमारा मील दर मील बढ़ना हमारी पूरी पृथ्वी को बेहतर बना सकता है।’

उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और चीन मिलकर कई मीलों का रास्ता पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, कई मील साथ चलने पर दो देश ही आगे नहीं बढ़ते बल्कि समस्त एशिया तथा मानवता प्रगति तथा समन्वय की ओर अग्रसर होगी। दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले दोनों देशों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जब भारत और चीन को कुछ लाभ होगा तो उसका मतलब विश्व की लगभग 35 प्रतिशत आबादी का लाभान्वित होना होगा। इसी तरह जब भारत और चीन के संबंध मजबूत होंगे तो दुनिया की 35 फीसदी आबादी करीब आएगी। और जब भारत और चीन के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ेगा तो दुनिया की 35 प्रतिशत आबादी के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आएगा।

दोनों देशों के रिश्तों के बारे में उन्होंने कहा, हमारे संबंधों के गणित और गुणधर्म से मैं आश्वस्त हूं कि साथ मिलकर हम इतिहास रच सकते हैं और सारी मानवजाति के लिए बेहतर भविष्य बना सकते हैं।

 

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