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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : कूटनीतिक विवाद में इजाफे के बीच भारत ने अमेरिका से कहा कि वह देश में तैनात अपने सभी राजनयिक अधिकारियों के पहचान पत्र लौटा दे। यह संभवत: न्यूयार्क में भारतीय वाणिज्य उप महादूत के साथ बर्ताव पर विरोध के स्वरूप अमेरिकी राजनयिकों को मिल रही छूट और लाभ की समीक्षा का एक कदम हो सकता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अमेरिका से भारत में तैनात अपने राजनयिक अधिकारियों को दिए गए पहचान पत्र लौटाने को कहा है। समझा जाता है कि सरकार अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाली छूट और लाभों की समीक्षा करना चाहती है।
गौरतलब है कि भारत ने पिछले हफ्ते न्यूयार्क में वीजा जालसाजी के आरोपों के तहत वाणिज्य उप महादूत देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी और सार्वजनिक रूप से हथकड़ी पहनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल को तलब किया था और इस संबंध में ‘डिमार्शे’ जारी किया था।
गौर हो कि न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागडे की गिरफ्तारी और उनके साथ बदसलूकी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अमेरिकी जांच एजेंसी ने राजनयिक की सघन तलाशी ली, इस दौरान उनके कपड़े तक उतवाए गए। इतना ही नहीं उन्हें एक राजनयिक होने के बावजूद जेल में नशेड़ियों और अपराधियों के साथ रखा गया।
न्यूयॉर्क में घटी घटना का मामला सामने आने के बाद सोमवार को इस मुद्दे पर भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
गौर हो कि राजनयिक को पिछले हफ्ते वीजा धोखाधड़ी के आरोप में सार्वजनिक तौर पर गिरफ्तार किया गया था। 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी उस वक्त अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थी, तभी पुलिस ने उन्हें रोका और सरेआम हथकड़ी पहनाई गई।
देवयानी खोबरागडे को पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क में वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में सार्वजनिक तौर पर गिरफ्तार किये जाने के मामले में भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल को तलब किया था। वाशिंगटन में भी भारतीय मिशन के माध्यम से अमेरिकी सरकार के साथ मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था।