20 साल बाद गले मिले लालू-नीतीश, मोदी पर साधा निशाना

बिहार की राजनीति के दो धुरंधर माने जाने वाले करीब 20 वर्षों तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने सोमवार को न केवल साथ मंच साझा किया, बल्कि एक-दूसरे को गले लगाकर गिले-शिकवे भी भुला दिए।

20 साल बाद गले मिले लालू-नीतीश, मोदी पर साधा निशाना

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

हाजीपुर : बिहार की राजनीति के दो धुरंधर माने जाने वाले करीब 20 वर्षों तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने सोमवार को न केवल साथ मंच साझा किया, बल्कि एक-दूसरे को गले लगाकर गिले-शिकवे भी भुला दिए। इसके साथ ही बिहार में कांग्रेस-राजद-जदयू गंठबंधन की राजनीति की शुरुआत हो गई है।

लालू और नीतीश सोमवार को हाजीपुर में एक संयुक्त रैली में एक मंच पर दिखे और गले लगाकर एक दूसरे का स्वागत किया। इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस संयुक्त रैली ने नीतीश और लालू के दोबारा मिलने या न मिलने पर जारी अटकलों पर विराम लगा दिया।

लालू यादव से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार ने सबसे पहले मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'अच्छे दिन आएंगे', लोग उन अच्छे दिनों का इंतजार ही कर रहे हैं। लेकिन अच्छे दिन नहीं आए पर भाजपा के कुछ लोगों के अपने दिन जरूर आ गए हैं। नीतीश ने कहा कि दिल्ली में जो लोग आज सत्ता में हैं उनके पुर्खे एक दिन भी देश की खातिर जेल में रहे। ये महंगाई और भ्रष्टाचार कम नहीं करेंगे। ये लोग अपनी गद्दी बचाने के लिए समाज को बांटने की नीति पर चलेंगे। उन्होंने कहा कि देश को बचाने के लिए पुराने विवादों को भूलाकर एक साथ आने की जरूरत है। लोग एकजुट होंगे और जो ताकतें देश को बांटना चाहती हैं उनको पराजित करेंगे।

लालू यादव ने कहा कि हम सब बिखर गए थे लेकिन हम उन्हीं बातों को कोसते रहेंगे तो देश गलत हाथों में चला जाएगा। नीतीश और वे दोनों एक ही परिवार से हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि जब से राजग सरकार सत्ता में आई है तब से अशुभ घटनाएं देश में होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस गठबंधन ने सबको एक अच्छा संदेश दिया है। वह मायावती और मुलायम से भी अपील करते हैं कि वे दोनों के महागठबंधन में शामिल हों।

गौर हो कि लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में जदयू और राजद दोनों की ही लुटिया डूब गई। मोदी राम विलास पासवान को साथ लाकर लालू और नीतीश के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहे। मोदी के इस पैंतरे से हैरान नीतीश लालू ने दोबारा साथ आने का निर्णय लिया है।

नीतीश-लालू के एक साथ आने से बिहार में एक नई सियासत शुरू हुई है। भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दो धुर विरोधी इसलिए एक साथ आए हैं कि उनका वोट बैंक न बंट सके। कांग्रेस, राजद और जदयू जो कर रहे हैं उसमें वोट बैंक की राजनीति दिखती है। भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सत्ता की लालसा और हार के डर ने दोनों लोगों को पास लाई है। दोनों ही लोगों के चेहरे अब सामने आ गए हैं।

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