मोदी-ओबामा के बीच हुई शिखर वार्ता, रक्षा और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर बनी सहमति
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मोदी-ओबामा के बीच हुई शिखर वार्ता, रक्षा और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर बनी सहमति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दक्षिण और पश्चिम एशिया सहित विश्व में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका में आतंकवाद निरोधक पहल और इस संदर्भ में खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर सहमति बनी है। मोदी ने यहां अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के बाद संयुक्त बयान में यह बात कही।

मोदी-ओबामा के बीच हुई शिखर वार्ता, रक्षा और आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर बनी सहमति

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दक्षिण और पश्चिम एशिया सहित विश्व में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका में आतंकवाद निरोधक पहल और इस संदर्भ में खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने पर सहमति बनी है। मोदी ने यहां अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के बाद संयुक्त बयान में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रही चुनौतियों के बारे में भी दोनों देशों के विचारों में समानताएं हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता दोनों देशों की नीतियों का अभिन्न हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने हालांकि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच पूरी तरह सहमति नहीं बनने का संकेत देते हुए कहा, डब्ल्यूटीओ के मुद्दे पर हम दोनों के बीच खुलकर बातचीत हुई। हम व्यापार सरलीकरण के समर्थक हैं, पर साथ ही हम चाहते हैं कि हमारी खाद्य सुरक्षा की चिंताओं का समाधान हो। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस बारे में कोई रास्ता निकलेगा।

मोदी ने कहा, हम दोनों असैन्य परमाणु सहयोग करार को आगे ले जाने पर सहमत हुए हैं। हम इससे जुड़े मुद्दों का शीघ्र समाधान निकालने के प्रति गंभीर हैं। भारत की उर्जा सुरक्षा जरूरतों के लिए यह बहुत आवश्यक है। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार और अमेरिका में बुश प्रशासन के दौरान भारत अमेरिका असैन्य परमाणु करार हुआ था लेकिन जवाबदेही कानूनों से जुड़े मुद्दों पर यह आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

साथ ही मोदी ने ओबामा से आग्रह किया कि वे ऐसे कदम उठाए जिससे भारतीय कंपनियां सेवा क्षेत्र में अमेरिका के बाजार में आसानी से पहुंच बना सके। रक्षा क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने सुरक्षा और रक्षा संबंधी वार्ता को और आगे बढ़ाने का निर्णय किया है। उन्होंने अमेरिकी रक्षा कंपनियों से भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में सहयोग करने की अपील की। उल्लेखनीय है कि भारत ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दिया है।

दक्षिण एवं पश्चिम एशिया में उभरती आतंकवाद की चुनौतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद निरोधक तंत्र और खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान में सहयोग और बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। गौरतलब है कि पश्चिम एशिया में इन दिनों आईएसआईएस नामक आतंकी संगठन ने बड़े भूभाग पर कब्जा जमा लिया है।

संयुक्त बयान के दौरान ओबामा ने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है। मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका स्वाभाविक वैश्विक साझेदार हैं जो साझा मूल्यों और हितों पर आधारित हैं। ओबामा ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, अंतरिक्ष एवं वैज्ञानिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान विशेष तौर पर इबोला जैसी चुनौतियों से निपटने के विषय पर सहयोग बढाने के बारे में चर्चा की।

* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मार्टिन लूथर किंग के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी

* मोदी ने ओबामा और उनके परिवार को भारत आने का न्योता दिया    

* हमने दक्षिण एशिया में आतंकवाद की उभरती चुनौतियों और पश्चिम एशिया तथा इससे परे आतंकवाद के नये खतरों पर बातचीत की :मोदी
* मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हम भारत और अमेरिका के मिशनों के एक ही समय में मंगल पर पहुंचने के कुछ दिन बाद यहां मिल रहे हैं। मंगल पर भारत अमेरिका के मिलन के बाद हम पृथ्वी पर मुलाकात कर रहे हैं।
* अमेरिकी की रक्षा कंपनियां भारत में निवेश करें- मोदी
* मोदी ने अपना विजन मुझे बताया-मोदी
* अफगानिस्तान को दोनों देश मदद करते रहेंगे- मोदी
* परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
* भारत बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास की और बढ़ रहा है-मोदी
* ओबामा से मिलने के बाद लगा की भारत-अमेरिका के बीच वैश्विक पार्टनरशिप और मजबूत होगा-मोदी
* राष्ट्रपति ओबामा को न्योते और आदर के लिए धन्यवाद- मोदी
* हम असैन्य परमाणु उर्जा सहयोग को बढ़ाने के लिए मुद्दों के समाधान के प्रति गंभीर हैं :मोदी
* मोदी ने कहा कि हम असैन्य परमाणु सहयोग करार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं
* मैं ओबामा से अनुरोध करता हूं कि अमेरिका में सेवाओं तक सुगम पहुंच के लिए कदम उठाये जाएं : मोदी
* इस यात्रा ने मेरे इस दृढ़विश्वास को पक्का किया है कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक वैश्विक साझेदार हैं:मोदी
* मोदी की ऊर्जा काबिले तारीफ: ओबामा
* मुझे भारत के साथ संबंधों को बनाने तथा उसके साथ और प्रगति करने का इंतजार है: ओबामा
* भारत और अमेरिका अपने रक्षा सहयोग को दस साल के लिए बढ़ाने को सहमत: पेंटागन सूत्र

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात की जिसमें रक्षा, सुरक्षा और व्यापार शामिल हैं। उन्होंने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों से खतरे के मद्देनजर पश्चिम एशिया में हालात पर भी चर्चा की।

ओबामा से वार्ता करने के लिए मोदी ब्लेयर हाउस से सीधे व्हाइट हाउस के प्रसिद्ध वेस्ट विंग पहुंचे। पहले बातचीत में चुनिंदा लोग शामिल हुए, बाद में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। मोदी और ओबामा की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री के न्यूयॉर्क से यहां आगमन पर रात्रिभोज का आयोजन किया था।

मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, राजदूत एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी थे, वहीं ओबामा के साथ उप राष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री जॉन कैरी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस और दक्षिण तथा मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल थीं।

भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति ने कल व्हाइट हाउस के ब्लू रूम में अनौपचारिक बातचीत की थी और अपने अपने पदों को संभालने के बाद के अनुभवों को साझा किया था। उन्होंने इबोला वायरस की रोकथाम करने और अशांत अफगानिस्तान के हालात में सहयोग पर भी बातचीत की थी।

इससे पहले व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा था, दोनों नेता आर्थिक विकास को गति देने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने तथा ऐसी गतिविधियों में सहयोग करने के उपायों पर विचार विमर्श करेंगे जो दोनों देशों तथा विश्व के लिए दीर्घकालिक लाभकारी हों। उन्होंने कहा था, दोनों देशों के नागरिकों और पूरे विश्व के लाभ के उद्देश्य से अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी के वादे को पूरा करने के लिए राष्ट्रपति (ओबामा) प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करने के आकांक्षी हैं। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव के अनुसार, राष्ट्रपति की वैश्विक नेताओं के साथ बैठकों में मूलभूत सार्वभौमिक मानवाधिकारों के मुद्दे पर अक्सर चर्चा होती है।

 

 

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