बेंगलुरू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को यहां इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इसट्रैक) पर अंतरिक्षयान नियंत्रण केंद्र में भारत के प्रथम मंगलयान के लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर इतिहास रचे जाने के साक्षी बनेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक सचिव कोटेश्वर राव ने कहा, ‘हां, प्रधानमंत्री बुधवार को केंद्र में मौजूद रहेंगे। हमारे पास यही जानकारी है।’ मार्स आर्बिटर मिशन (मंगलयान) के अंतरिक्षयान का संचालन 24 सितंबर को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजकर 17 मिनट 32 सैकंड पर लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) को चालू करके किया जाएगा। उसके साथ आठ छोटे लिक्विड इंजन काम करेंगे।
मार्स आर्बिटर मिशन के सफल होने पर भारत दुनिया का वह पहला देश हो जाएगा जिसने प्रथम प्रयास में ही मंगल की कक्षा में प्रवेश किया हो। वह मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला एशिया का भी पहला देश होगा तथा मिशन के सफल होने पर इसरो लाल ग्रह की कक्षा में उपग्रह भेजने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन जायेगा।
इससे पहले यूरोपीय, अमेरिकी और रूसी एजेंसी मंगल की कक्षा या ग्रह पर उतरने में सफल रहे हैं लेकिन उनके कई प्रयास असफल भी रहे।