प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च, बोले मोदी- आर्थिक छुआछूत’ खत्म करना होगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' का शुभारंभ किया। इसका शुभारंभ दिल्ली के विज्ञान भवन से किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे। इस योजना के तहत बैंक खाते से 15 करोड़ लोगों को जोड़ने की योजना है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च, बोले मोदी- आर्थिक छुआछूत’ खत्म करना होगा
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी सरकार की पहली फ्लैगशिप योजना ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि देश में अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को पाटने के लिए ‘आर्थिक छुआछूत’ को खत्म करना होगा और इस योजना का यही लक्ष्य है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में इस योजना की घोषणा करने वाले मोदी ने आज यहां विज्ञान भवन में इसका औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। इस अवसर पर देश भर में आज डेढ़ करोड़ लोगों के खाते खोले गए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके पहले चरण के तहत अगले साल 15 अगस्त तक साढे सात करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को अगली 26 जनवरी तक पूरा किया जाएगा।

इस मौके पर मोदी ने कहा, ‘आजादी के इतने साल बाद, जो देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, वहां गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने में अर्थव्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, और उससे ही वह गरीब अछूत रह जाता है। इस शब्द का प्रयोग अच्छा नहीं लग रहा है लेकिन मेरा मन कहता है कि मैं कहूं कि यह फाइनैंसियल अनटचबिलिटी (आर्थिक छुआछूत) है। देश के 40 फीसदी लोग भारत के अर्थव्यवस्था के हकदार नहीं बन पाते और उसके लाभार्थी नहीं बन पाते तो हम गरीबी को मिटाने में कैसे सफल हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने सामाजिक छुआछूत को मिटाने का प्रयास किया। अगर हमें गरीबी से मुक्ति पानी है तो फानैंसियल अनटचबिलिटी से भी मुक्ति पानी होगी। हर व्यक्ति को वित्तीय व्यवस्था से जोड़ना होगा। उसी के तहत इस अभियान को पूरी ताकत के साथ उठाया है।’

जनधन योजना के तहत खाता खोलने के लिए किसी तरह की न्यूनतम राशि की जरूरत नहीं होगी और खाताधारक को ‘रूपे’ डेबिट कार्ड मिलेगा। साथ ही एक लाख रूपये का अकस्मात दुर्घटना बीमा और 30,000 रूपये का जीवन बीमा मिलेगा। बाद में खाताधारकों को 5,000 रूपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलेगी। इस योजना की शुरूआत के साथ ही देश भर में 77,000 स्थानों पर खाते खेलने का काम हुआ जिसमें 20 मुख्यमंत्रियों, कई केंद्रीय मंत्रियों तथा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पुणे, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चेन्नई, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भोपाल, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनउ और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सूरत से इसका शुभारंभ किया। देश में इससे पहले भारत सरकार की ओर से इतने व्यापक पैमाने पर किसी कार्यक्रम की शुरूआत नहीं की गई थी। मोदी ने देश में 45 साल पहले हुए बैंकों के राष्ट्रीयकरण का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मकसद गरीबों को लाभ पहुंचाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा, ‘आप कल्पना कर सकते हैं जब 1969 में जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया तो कैसे कैसे सपने बोए गए थे। बैंकों का राष्ट्रीयकरण गरीबों के लिए होता है यह पूरे देश के गले उतार दिया गया था। लेकिन आजादी के 68 साल बाद भी देश के 68 फीसदी लोगों का अर्थव्यवस्था के इस हिस्से से कोई संबंध नहीं है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा लगता है जिस मकसद से इस कार्य का आरंभ हुआ वह वहीं का वहीं रह गया। मैं मानता हूं कि जब कोई व्यक्ति खाता खोलता है तो यह उसके अर्थव्यस्था की मुख्यधारा से जुड़ने का पहला कदम बन जाता है। आज जो डेढ़ करोड़ व्यक्ति या परिवार जुड़े हैं वो अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में पहला कदम रख रहे हैं। यह अर्थव्यस्था को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता है। ’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज की सफलता आगे नहीं रूकने वाली है। शुरू में वित्त मंत्री जी (अरूण जेटली) कहते थे कि इसे 15 अगस्त तक पूरा करना है। मैंने कहा कि 15 अगस्त, 2015 का इंतजार क्यों करें। मैं वित्त विभाग, बैंकिंग क्षेत्र का आभारी हूं। उन्होंने यह बीड़ा उठा लिया है कि वो 26 जनवरी तक ये काम पूरा करेंगे।’ ‘रूपे’ डेबिट कार्ड का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘दुनिया के जो पापुलर वीजा कार्ड वगैरह हैं उससे हम परिचित हैं। क्या हम लोगों का यह इरादा नहीं रखना चाहिए कि हमारा रूपे कार्ड दुनिया के किसी भी देश में चल सके। क्या हमारी इतनी ताकत नहीं होनी चाहिए। इतनी विश्वसनीयता होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए।’

मोदी ने कहा, ‘जैसे अमीर लोग रेस्तरां में खाना खाने के बाद कार्ड से पैसे देते हैं उसी तरह मेरा गरीब भी कार्ड से डेबिट करवाएगा। जो सब्जी बेचता होगा वो भी। अमीर और गरीब के बीच खाई भरने का कितना बड़ा कदम है। आज जब गरीब आदमी के हाथ में मोबाइल होता है तो वो भी अपने आपको दूसरों के बराबर समझता है। अब यह होगा कि उसके पास भी कार्ड और मेरे पास भी कार्ड है। इस मिजाज से काम करेगा। इससे एक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आता है।’ उन्होंने ‘आज हम एक विशेष योजना जोड़ रहे हैं। 26 जनवरी तक जो लोग अपने खाते खुलवाएंगे उन्हें एक लाख रूपये के अकस्मात बीमा के उपरांत 30 हजार रूपये का जीवन बीमा भी मिलेगा। इसमें ये डेढ़ करोड़ लोग भी समाहित होंगे। 30 हजार रूपये की यह व्यवस्था किसी भी गरीब और उसके परिवार के काम आएगी।’ मोदी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यहीं से गरीबों की जिंदगी में सूर्योदय का आरंभ हो रहा है। उम्मीद करता हूं कि हम 26 जनवरी तक इस लक्ष्य को हासिल करें और देश को आर्थिक छूआछूत के माहौल से मुक्त कराएं। ब्याज से आत्महत्या की ओर जा रहे परिवार को भी बचा लें।’

एक बैंक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी। इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने, आपातकालीन जरूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह-तरह के वित्तीय उत्पादों से लाभान्वित होने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री जन धन योजना की खास बातें निम्नलिखित हैं --

-यह मिशन दो चरणों में लागू होगा।
-पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा।
-दूसरा चरण 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा।
-पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट 'बिजनेस कॉरस्पोंडेंट' के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना।
-सभी परिवारों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर।
- लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना।
- बिजनेस कॉरस्पोंडेंट (बीसी) के माध्यम से स्वाबलंबन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू करना।
-शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
-हर एकाउंट के लिए पांच हजार का ओवरड्राफ्ट

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