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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि 2014 के लोक सभा चुनावों में चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के साथ ही कागज की पर्ची देने की व्यवस्था शुरू की जाए।
न्यायालय ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिये यह अत्यावश्यक है और इससे मतदाताओं का विश्वास बहाल होगा। शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि ईवीएम के साथ ही कागज की पर्ची मुहैया कराने की वीवीपीएटी व्यवस्था लागू करने के लिये निर्वाचन आयोग को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।
न्यायालय ने कहा कि यह मतदान व्यवस्था में सत्यता सुनिश्चित करेगा जो विवाद होने की स्थिति में हाथों से मतगणना करने में भी मददगार होगा। प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने कहा कि वीवीपीएटी प्रणाली के साथ ईवीएम से मतदान प्रणाली की सत्यता सुनिश्चित होगी। इस व्यवस्था से पारदर्शिता आयेगी और मतदाताओं का विश्वास बहाल होगा। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपीएटी प्रणाली आवश्यक है क्योंकि मतदान और कुछ नहीं बल्कि अभिव्यक्ति है जिसका लोकतांत्रिक व्यवस्था में अहम महत्व है। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से कहा कि 2014 के आम चुनाव में चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में वीवीपीएटी प्रणाली लागू की जाए।
निर्वाचन आयोग को वित्तीय सहायता मुहैया कराने का निर्देश देते हुये न्यायालय ने आयोग के इस कथन का भी संज्ञान लिया कि उसने चरणबद्ध तरीके से वीवीपीएटी इकाइयों के इस्तेमाल का निर्णय किया है और कानून एवं न्याय मंत्रालय ने 38.01 करोड़ रुपये में दोनों सार्वजनिक उपक्रमों से 20 हजार ऐसी इकाइयां हासिल करने की मंजूरी दी है। (एजेंसी)