जासूसी संयंत्र से गडकरी ने पल्ला झाड़ा, मनमोहन ने सरकार से मांगा जवाब
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जासूसी संयंत्र से गडकरी ने पल्ला झाड़ा, मनमोहन ने सरकार से मांगा जवाब

नितिन गडकरी के निवास से बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण पाये जाने की खबर को लेकर रविवार को विवाद उत्पन्न हो गया लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने इसे कोरी कल्पना बताया जबकि कांग्रेस ने यहां तक कहा कि यह राजग सरकार के मंत्रियों के बीच परस्पर विश्वास और भरोसे की कमी को दर्शाता है।

जासूसी संयंत्र से गडकरी ने पल्ला झाड़ा, मनमोहन ने सरकार से मांगा जवाब

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : नितिन गडकरी के सरकारी आवास से बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण पाये जाने की खबर को लेकर रविवार को विवाद उत्पन्न हो गया लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने इसे कोरी कल्पना बताया जबकि कांग्रेस ने यहां तक कहा कि यह राजग सरकार के मंत्रियों के बीच परस्पर विश्वास और भरोसे की कमी को दर्शाता है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मामले पर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। मनमोहन ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह मामला सच न हो, लेकिन सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर सरकार को संसद में बयान देना चाहिए। इससे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गडकरी के बयान के उलट इस मामले को अलग ही मोड़ दे दिया। उन्होंने इसे अक्टूबर की घटना बताकर यूपीए सरकार को घेरने की कोशिश की। वहीं, डीएमके ने इसे किसी 'घरवाले' का काम बताया है, जबकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री से सफाई मांगी है।

एक मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी के यहां 13 तीन मूर्ति लेन स्थित सरकारी आवास के बेडरूम से उच्च शक्ति वाला सुनने का उपकरण पाया गया है। इसमें कहा गया है कि इस उपकरण की जानकारी अचानक मिली और इसे तुरंत हाटने के आदेश दिये गये।

गडकरी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर टिप्पणी में कहा, ‘मीडिया के एक वर्ग में आयी ये खबरें पूरी तरह से काल्पनिक हैं कि मेरे नई दिल्ली स्थित निवास से बातें सुनने वाला उपकरण पाया गया है।’ केन्द्रीय मंत्री के करीबी सूत्रों ने भी इस तरह का कोई उपकरण पाये जाने से इंकार किया है। इस उपकरण के बारे में खबर में कहा गया है कि यह उच्च क्षमता का है और सामान्य तौर पर इस तरह के उपकरण का इस्तेमाल पश्चिमी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर भारत सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी के निवास पर बातें सुनने वाले खुफिया उपकरण लगे होने की खबरें सही हैं तो निश्चित ही यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि यह मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बीच विश्वास की कमी और आपसी भरोसे के अभाव को दर्शाता है। समय का तकाजा है कि नितिन गडकरी, सरकार और भाजपा इस मुद्दे पर स्थिति साफ करे और अगर कोई जासूसी हुई है और खुफियागिरी कराई गयी है तो देश की जनता को बतायें।

स्वामी ने कहा, ‘मेरी खुद की जांच और मेरे सूत्रों ने खुलासा किया है कि पिछले साल अक्तूबर के बाद नहीं हो सकता है। उपकरण को वहां लगाना और उसका मतलब हुआ कि यह ऐसे समय में हुआ जब संप्रग सत्ता में थी। एनएसए ने खासतौर पर भाजपा को निशाना बनाया और गडकरी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। उन्हें आरएसएस का विश्वास प्राप्त था। कांग्रेस के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने इस मामले में प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अगर कोई जांच का आदेश दिया जाता है तो इसके पूरे तथ्यों को संसद के पटल पर रखा जाना चाहिए ताकि देश को यह पता चले कि क्या इसमें कोई सचाई है।

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