सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को लेकर विरोध बढ़ा
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सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को लेकर विरोध बढ़ा

अल्पसंख्यक समुदायों को लक्षित हमलों से बचाने के उद्देश्य से प्रस्तावित विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में रखे जाने से पहले ही गैर-कांग्रेसी शासित राज्य सरकारों और भाजपा की तरफ से तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली : अल्पसंख्यक समुदायों को लक्षित हमलों से बचाने के उद्देश्य से प्रस्तावित विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में रखे जाने से पहले ही गैर-कांग्रेसी शासित राज्य सरकारों और भाजपा की तरफ से तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने आज सभी राज्यों के गृह सचिवों के साथ बैठक की। प्रस्तावित विधेयक पर आम-सहमति बनाने के सरकार के प्रयास के तहत यह बैठक की गई।
विधेयक का मसौदा काफी कुछ ‘सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक, 2013’ के प्रावधानों पर आधारित हो सकता है जिसे सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने तैयार किया था। हालांकि गैर-कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों के प्रतिनिधियों ने विधेयक के कई प्रावधानों पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह देश के संघीय ढांचे पर अतिक्रमण होगा। विधेयक का पुरजोर विरोध करने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश और ओडिशा हैं।
यह विरोध ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विधेयक पर आगे बढ़ने की तैयारी कर ली है। यह विधेयक पिछले कुछ साल से लटका हुआ है। (एजेंसी)

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