शिवसेना की बीजेपी को नसीहत-जनता को अपनी बपौती न समझें, कदम जमीन पर रखें
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शिवसेना की बीजेपी को नसीहत-जनता को अपनी बपौती न समझें, कदम जमीन पर रखें

शिवसेना की बीजेपी को नसीहत-जनता को अपनी बपौती न समझें, कदम जमीन पर रखें

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

मुंबई : दस राज्‍यों में हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन को लेकर शिवसेना ने बुधवार को उसे अपने ‘पैर जमीन पर रखने’ की नसीहत दी और कहा कि उसे इससे सबक लेना चाहिए।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन अब उपचुनाव के परिणाम विपरीत रहे हैं। यह महाराष्ट्र के चुनाव के लिए एक सबक है। यह सबके लिए सबक है। लोगों को हल्के में मत लीजिए। इसमें कहा गया कि लोगों का मन अस्थिर है। यह उनका फैसला है। उपचुनाव के परिणाम 15 अक्‍टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक सबक हैं। यह सबके लिए एक सबक है। शिवसेना ने कहा कि अपने पैर जमीन पर रखो। (लोकसभा चुनावों) जीत की हवा में मत उड़ो। इस सबक को सीखने वाले ही महाराष्ट्र का चुनाव जीतेंगे। अन्यथा जनता वह करेगी जो जरूरी होगा। शिवसेना ने सामना में लेख के जरिये बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता को अपनी बपौती न समझें। उपचुनाव में खराब प्रदर्शन बीजेपी के लिए सबक है। पैर जमीन पर रहने दें, हवा में तलबारबाजी न की जाए। इसमें यह भी कहा गया कि जो हार से सबक लेगा वही महाराष्‍ट्र पर कब्‍जा करेगा।  

बीजेपी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है और वह पूर्व में अपने पास रहीं 23 में से 13 सीटें हार गई है। राजस्थान और गुजरात में उपचुनाव में कांग्रेस ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया है। सामना में कहा गया कि उपचुनाव के परिणामों को मोदी लहर से नहीं जोड़ जाना चाहिए। यह याद रखा जाना चाहिए कि आम चुनावों और राज्य चुनावों में अंतर होता है। इसमें कहा गया कि मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं। यदि मोदी का 100 दिन का काम लोगों तक नहीं पहुंचा तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होना चाहिए? शिवसेना ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाया, लेकिन उपचुनाव के परिणामों से दिखा कि इस मुद्दे का कोई असर नहीं हुआ। यह भी कहा गया कि किसी को भी हालिया उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन का श्रेय सोनिया या राहुल गांधी को नहीं देना चाहिए। इसी तरह किसी को यह दावा भी नहीं करना चाहिए कि जनादेश मोदी के खिलाफ है।

शिवसेना के संपादकीय में की गई कड़ी टिप्पणी को भाजपा के लिए इस चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि वह माहराष्ट्र में और अधिक सीटें मांगने की अपनी आवाज को खामोश रखे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा मुंबई में वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक में शिवसेना से सीट साझा किए जाने के मुद्दे पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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