यौन उत्‍पीड़न केस में जस्टिस गांगुली 'अप्रिय व्यवहार' के दोषी: जांच समिति
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यौन उत्‍पीड़न केस में जस्टिस गांगुली 'अप्रिय व्यवहार' के दोषी: जांच समिति

कानून की इंटर्न यौन उत्‍पीड़न केस में नया खुलासा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने गुरुवार को बताया कि पूर्व न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति एके गांगुली का व्‍यवहार आपत्तिजनक था।

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ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : कानून की इंटर्न यौन उत्‍पीड़न केस में नया खुलासा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी ने गुरुवार को बताया कि पूर्व न्‍यायाधीश न्यायमूर्ति एके गांगुली का व्‍यवहार आपत्तिजनक था।
सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके गांगुली के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच कर रही सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय समिति ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी करार दिया। समिति ने न्यायमूर्ति गांगुली को पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली के एक होटल में एक महिला इंटर्न के साथ 'अप्रिय व्यवहार' करने का दोषी पाया।
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को इस पर किसी तरह की कार्यवाही करने से इनकार कर दिया और कहा कि गांगुली घटना के वक्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नहीं थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट 28 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम को सौंप दी थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर गुरुवार को प्रसारित किया गया।
समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति का मानना है कि इंटर्न द्वारा मौखिक और लीखित रूप में दिए गए बयान से प्रथम दृष्ट्या यह स्पष्ट होता है कि न्यायमूर्ति एके गांगुली ने दिल्ली के ली मेरीडियन होटल के एक कमरे में 24 दिसंबर, 2012 को रात के लगभग 8.0 बजे से 10.30 बजे के बीच उसके (इंटर्न) के साथ अप्रिय व्यवहार (मौखिक एवं गैर मौखिक तरीके से किया गया यौनजनित अप्रिय आचरण) किया। रिपोर्ट पर 27 नवंबर की तारीख अंकित है।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निर्णय पर पहुंचने से पहले समिति ने शिकायतकर्ता के बयानों, तीन गवाहों द्वारा पेश किए गए शपथपत्रों और न्यायमूर्ति गांगुली के बयानों का बहुत सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया।

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