दागी नेताओं को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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दागी नेताओं को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

क्या आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई नेता केंद्रीय मंत्री बना रह सकता है या नहीं, इस मुद्दे पर आज देश की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दागी नेताओं को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाए और किसे नहीं, यह पीएम का विशेषाधिकार होता है।

दागी नेताओं को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : क्या आपराधिक पृष्ठभूमि का कोई नेता केंद्रीय मंत्री बना रह सकता है या नहीं, इस मुद्दे पर आज देश की शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दागी नेताओं को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाए और किसे नहीं, यह  प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है। शीर्ष अदालत ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री इस मसले पर विचार करेंगे।

मालूम हो कि याचिकाकर्ता मनोज नरूला ने एक जनहित याचिका दाखिल कर केंद्रीय मंत्रिमंडल से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मंत्रियों को हटाने की मांग की थी, जिसे 2004 में कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लेकिन याचिकाकर्ता की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर करने पर कोर्ट ने मामले को संवैधानिक बेंच को भेज दिया गया था।

नरेंद्र मोदी की सरकार में एक दर्जन से अधिक मंत्री ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं, इनमें से छह दंगों से जुड़े हुए हैं और दो मुकदमें हत्या से संबंधित हैं।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चार केस हैं, जिनमें से एक मामला धमकी देने का और दो गैरकानूनी तरीके से धन इकट्ठा होने से संबंधित हैं। ग्रामीण विकास मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चार केस दर्ज हैं। कुशवाहा के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक मामला रिश्वत मांगने से जुड़ा हुआ है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री राव साहेब दादाराव दांवे पर चार केस दर्ज हैं। इनमें से दो मामले दंगों से जुड़े हुए और दो हमला करने को लेकर है। इसके अलावा डॉ. हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान, निहाल चंद, जनरल वीके सिंह, जुएल ओरांव, मेनका गांधी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रामविलास पासवान, संजीव कुमार बालियान भी मौजूदा सरकार के ऐसे मंत्री हैं, जिनपर केस दर्ज हैं।

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