यह मिल-जुल कर चलने का समय है: मोदी

चुनावी घमासान के समापन के साथ ही भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि यह मिल-जुल कर चलने की उस भावना को फिर से कायम करने का समय है जो प्रचार अभियान के दौरान अस्थायी तौर पर खत्म हो गई थी।

नई दिल्ली : चुनावी घमासान के समापन के साथ ही भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि यह मिल-जुल कर चलने की उस भावना को फिर से कायम करने का समय है जो प्रचार अभियान के दौरान अस्थायी तौर पर खत्म हो गई थी।
मोदी ने अपने ब्लॉग में कहा, यह आगे की ओर देखने का सही समय है। यह एक दूसरे के साथ जुड़ने का समय है। लोगों को राजनीति से उपर रखिए, उम्मीद को निराशा से उपर रखिए, घाव पर मरहम लगाइए, अलगाव के उपर एकजुटता को रखिए और भेदभाव के उपर विकास को रखें। उन्होंने कहा, यह स्वाभाविक है कि चुनाव प्रचार के दौरान मिल-जुल कर चलने की भावना अस्थायी तौर पर खत्म गई थी, लेकिन अब इसे फिर से कायम करने का वक्त है। मोदी ने माना इस यह काफी तल्ख चुनाव प्रचार था जिसमें प्रफुल्लित करने वाले और गरमागरमी के पल दोनों देखने को मिले।
उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि चुनाव प्रचार की गरमागरमी को पीछे छोड़ दिया जाए और आगे की ओर देखा जाए। इस बात से उपर उठकर कि 16 मई को कौन जीतता है, हमें एक अरब भारतीयों का सपना प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की अलग अलग विचारधाराएं हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक है-भारत के लिए काम करना और हमारे युवाओं की अकांक्षाओं को पूरा करना है।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि चुनाव का एजेंडा तय करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी न तो सक्रिय रही और न ही उत्तरदायी रही। उन्होंने विकास और सुशासन के एजेंडे पर पूरी सख्ती के साथ कायम रहने के लिए राजग की प्रशंसा की। उन्होंने 2002 के दंगों को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से किए गए हमलों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, मुद्दों से विचलित करने के प्रयास किए गए, लेकिन हम अडिग रहे। भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार ने कहा कि इतिहास 2014 के चुनाव को ऐतिहासिक चुनाव के रूप में याद करेगा जिसमें पारंपरकि चुनाव अभियान में बदलाव देखा गया।
उन्होंने कहा, आम तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव प्रचार का एजेंडा तय करती है, लेकिन पहली बार ऐसा नहीं हुआ। एजेंडा तय करने से काफी दूर, सत्तारूढ़ पार्टी न सक्रिय रही और न ही उत्तरदायी। वह पूरे प्रचार के दौरान प्रतिक्रियाशील रही। मोदी ने राजग के विकास और सुशासन के मुद्दे पर बने रहने को लेकर खुशी जताते हुए कहा,हम रूके नहीं, हमने सफलतापूर्वक इन दो मुद्दों पर पूरे चुनाव प्रचार के दौरान ध्यान केंद्रित रखा। उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत में इजाफा देखने को मिला और इसका श्रेय देश की जनता दिया जाना चाहिए जो निर्विवाद विजेता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग का आभार व्यक्त किया। इससे पहले हालांकि मोदी ने आयोग पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, हमारे पास पहले ही निर्विवाद विजेता है और वह भारत की जनता है। एक बार फिर भारत जीता, वोट की ताकत ने अभिभूत कर दिया और लोकतंत्र की भावना अपने चरम पर दिखी।
मोदी ने सोशल मीडिया की भूमिका की सराहना की और कहा कि इसके कारण कई नेताओं के ‘झूठे और फर्जी वादे’ उनके रैली के मंच से बाहर नहीं जा सके। उन्होंने सोशल मीडिया को अधिक शक्ति देने की मांग की। उन्होंने चुनाव के दौरान हुई कुछ अप्रिय घटनाओं का जिक्र किया और अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को सलाम किया तथा उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा, इन वीर जवानों ने लोकतंत्र के लिए अपनी जान दी। हमारा यह कर्तव्य होना चाहिए कि उनका बलिदान जाया नहीं जाए। उन्होंने चुनाव के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए मीडिया का आभार व्यक्त किया, हालांकि यह भी कहा कि चुनाव को लेकर अभी बहस और विमर्श में सुधार की अपार संभावना है। ओडिशा, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बारे में मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के कारण इन राज्यों में स्थानीय मुद्दों पर वैसी चर्चा नहीं हो सकी जैसी होनी चाहिए थी। मोदी ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ तथा ऐसे भारत के निर्माण का आह्वान किया जिस पर ‘हमारे महापुरूषों को गर्व हो।’
(एजेंसी)

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