बनारस की चुनावी लड़ाई में स्थानीय मुद्दे गायब

वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी लड़ाई प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है और यहां स्थानीय मुद्दे पीछे छूट गए हैं। यहां से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पार्टी प्रत्याशी होने और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल द्वारा उन्हें चुनौती देने की वजह से पूरे देश की नजरें इस संसदीय सीट पर लगी हुई हैं।

वाराणसी : वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी लड़ाई प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है और यहां स्थानीय मुद्दे पीछे छूट गए हैं। यहां से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पार्टी प्रत्याशी होने और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल द्वारा उन्हें चुनौती देने की वजह से पूरे देश की नजरें इस संसदीय सीट पर लगी हुई हैं। शहर की सड़कों पर अभूतपूर्व यातायात की स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि देशभर से न सिर्फ भाजपा, बल्कि अन्य दलों के नेता और स्वयंसेवी बड़ी संख्या में प्रचार के लिए यहां पहुंच रहे हैं।
वाराणसी में 12 मई को मतदान होना है। मोदी के समर्थन में भाजपा के हजारों स्वयंसेवी पहले ही पहुंच चुके हैं और इस कतार में आम आदमी पार्टी भी ज्यादा पीछे नहीं है। सपा और बसपा जैसे दलों ने भी आसपास के क्षेत्रों से अपने कैडरों को सक्रिय कर दिया है।
हालांकि, दलों के नेता मुश्किल से ही स्थानीय मुद्दों के बारे में बात कर रहे हैं। इस मंदिर नगरी से मोदी के प्रत्याशी होने की वजह से भाजपा के लिए जहां यह प्रतिष्ठा की सीट बन गई है, वहीं दूसरे सभी दल मोदी को हराने के लिए लड़ाई लड़ते प्रतीत होते हैं । इस निर्वाचन क्षेत्र में मुसलमान मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है।
भाजपा का स्पष्ट कहना है कि यह चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों और केंद्र की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 10 साल के कुशासन के खिलाफ लड़ा जा रहा है। मोदी को लेकर लोगों के मन में ये शंकाएं भी हैं कि जीतने पर वह वाराणसी सीट को छोड़ सकते हैं और गुजरात की वड़ोदरा सीट को कायम रख सकते हैं।
वाराणसी में डेरा डाले भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा, ‘ये चुनाव कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 10 साल के कुशासन के खिलाफ और महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, आर्थिक पतन, महिला सुरक्षा और किसानों की दशा जैसे मुद्दों पर लड़े जा रहे हैं। मोदी और भाजपा लगातार विकास तथा विकास के एजेंडे की बात कर रहे हैं। हमारे घोषणा पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि हमारा ध्येय ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ है और हमारे घोषणा पत्र के बारे में खुद मोदी का कहना है कि यह कोई दस्तावेज नहीं, बल्कि विकास का एक एजेंडा है।’
आप नेता अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि उनका एकमात्र उद्देश्य नरेंद्र मोदी को हराना है और वाराणसी में उनकी हार सुनिश्चित करेगी कि वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने हालांकि, वायदा किया है कि वह शहर के लोगों के लिए काम करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। सपा और बसपा नेताओं का कहना है कि मोदी तथा भाजपा ‘नफरत की राजनीति’ कर रहे हैं और उन्हें हराया जाना चाहिए।
कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय अन्य प्रत्याशियों को बाहरी बताकर अपनी ‘स्थानीय छवि’ को भुनाना चाहते हैं। उनका हालांकि, कहना है कि वह लोगों से स्थानीय मुद्दों पर बात कर रहे हैं तथा उन्हें वाराणसी को स्वच्छ एवं विश्वस्तरीय शहर बनाने का आश्वासन दे रहे हैं। (एजेंसी)

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