टोपी नहीं स्वीकार करने पर मदनी ने मोदी का समर्थन किया
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टोपी नहीं स्वीकार करने पर मदनी ने मोदी का समर्थन किया

टोपी स्वीकार नहीं करने के लिए नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुए अग्रणी मुस्लिम नेता महमूद मदनी ने कहा कि इस तरह का कदम ‘प्रतीक की राजनीति’ है।

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नई दिल्ली : टोपी स्वीकार नहीं करने के लिए नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुए अग्रणी मुस्लिम नेता महमूद मदनी ने कहा कि इस तरह का कदम ‘प्रतीक की राजनीति’ है।
मदनी ने हालांकि कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को 2002 के दंगों से प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करके समुदाय के साथ संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाना चाहिए ताकि संबंध विकसित हों। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मदनी ने कहा, ‘‘मोदी के लिए यह सही है कि वह टोपी स्वीकार नहीं करें क्योंकि मैं भी तिलक नहीं लगाऊंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टोपी स्वीकार करना या पहनना प्रतीक की राजनीति है और राजनैतिक दलों को इस तरह की बातें करने से बचना चाहिए। इसका सहारा लेकर छद्म धर्मनिरपेक्ष दल महज दिखावा करते हैं। इसके बदले में उन्हें समुदाय की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान देना चाहिए।’’ मोदी ने कुछ साल पहले टोपी स्वीकार करने से इंकार करके विवाद पैदा कर दिया था। हाल में दिए गए अपने साक्षात्कार में उन्होंने अपने कदम को उचित ठहराते हुए कहा था कि वह ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ में विश्वास नहीं करते हैं।
यह पूछे जाने पर कि अगर समुदाय के साथ संबंधों को बेहतर बनाना है तो मोदी को क्या कदम उठाने चाहिए तो मदनी ने कहा कि उन्हें पहले 2002 के दंगा पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘संबंधों में सुधार की जिम्मेदारी उनपर (मोदी) है। उनका 12 वर्षों का इतिहास है जो अपने आप बयां करता है। लेकिन उन्हें यह करना है कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि 2002 के सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित लोगों को न्याय मिले। अगर वैसा किया जाता है तो संबंधों का निर्माण किया जा सकता है।’’ (एजेंसी)

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