सिब्बल का मोदी पर हमला, कहा- अच्छे और बुरे का फर्क कर सकती हैं मां गंगा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि मां गंगा अत्यंत बुद्धिमान हैं और अच्छे, बुरे के बीच फर्क कर सकती हैं।

नई दिल्ली/वाराणसी : कांग्रेस ने आज कहा कि मां गंगा अत्यंत बुद्धिमान हैं और अच्छे, बुरे के बीच फर्क कर सकती हैं। पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को याद दिलाया कि भारत की तीन सबसे अधिक प्रदूषित नदियां गुजरात में बहती हैं। दरअसल मोदी ने गंगा का आह्वान किया था और इसे साफ करने का वायदा भी।
मोदी के वाराणसी में रोड शो और नामांकन करने के एक दिन बाद उन्हें निशाने पर लेते हुए कांग्रेस ने पवित्र नगरी काशी की जनता से अपील की कि वह उसे ‘विचारधाराओं के युद्ध’ में जिताए और विभाजनकारी ताकतों को नकार दे।
कांग्रेस प्रवक्ता एवं केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि वाराणसी में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मोदी ने एक पत्र लिखा जो एक बार फिर आधी सच्चाई से परिपूर्ण है। सिब्बल ने कहा कि यह पत्र कहता है कि गंगा हमारी मां है इसलिए उसकी सफाई करनी है। उसके बाद वह मिसाल के तौर पर साबरमती का उदाहरण देते हैं। वह कहते हैं कि 2001 में जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो साबरमती की स्थिति 2014 के मुकाबले एकदम अलग थी। वस्तुत: साबरमती भी उसी कष्ट की सतायी हुई है, जिस कष्ट की सतायी हुई गंगा है।
सिब्बल ने कहा कि मां गंगा अत्यंत बुद्धिमान है और वह अच्छे, बुरे के बीच फर्क कर सकती हैं। मोदी ने गौतम बुद्ध का भी नाम लिया है। क्या विडंबना है। बुद्ध ने निर्वाण के लिए अपना साम्राज्य त्याग दिया था। मोदी साम्राज्य के लिए वाराणसी आये हैं।’
गुजरात में विकास के मोदी के दावे को नकारते हुए सिब्बल ने कहा कि ‘वाइब्रेंट’ गुजरात में ‘वाइब्रेंट’ झूठ की भरमार है। झूठ भी ‘वाइब्रेंट’ हैं और इन सबके बीच में एक ऐसा प्रशासन है, जो ऐसा व्यक्ति चला रहा है, जिसके लिए तथ्यों से छेडछाड रोज की बात है। उन्होंने कहा कि मोदी का यह बयान कि वह हाथ से छूकर ही गंगा को साफ कर देंगे, ऐसा लगता है कि वह भगवान हैं। लेकिन ये बात केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कराये गये एक सर्वे के एकदम उलट है, जिसमें कहा गया है कि गुजरात में तीन सबसे प्रदूषित नदियां साबरमती, खारी और आमलाखादी हैं।
सिब्बल और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की लडाई ‘भारत के विचार का संरक्षण’ करने को लेकर है । उन्होंने वाराणसी की जनता से कहा कि वे भारत की विविधता और बेहतरीन सांस्कृतिक परंपरा की सुरक्षा करें।
तिवारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ये विचारधाराओं की लड़ाई है। प्रमुख मूल्यों और विचारधारा के संरक्षण की लड़ाई है, जिसकी बनारस में गहरी जड़ें हैं। मोदी के के रोड शो के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा कि वाराणसी की धनी परंपरा रही है। ‘मैं नहीं मानता कि चुनाव में इस रोड शो का कोई असर होगा। मुझे बताया गया कि जब राय ने नामांकन दाखिल किया तो बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे थे।’
सरदार सरोवर परियोजना का श्रेय लेने के लिए मोदी की आलोचना करते हुए सिब्बल ने कहा कि जब परियोजना 1950 में शुरू हुई तो जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे। इसका कार्यान्वयन 1985 में शुरू हुआ और बांध की ऊंचाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2000 में आया। उन्होंने कहा कि उस समय मोदी कहीं नहीं थे। उनका सरदार सरोवर परियोजना से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन उन्होंने इसका विज्ञापन ऐसे किया मानो ये उनके योगदान का नतीजा है। (एजेंसी)

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