चेन्नई : इसरो आईआरएनएसएस 1सी उपग्रह का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से 10 अक्तूबर को करेगा। यह आईआरएनएसएस श्रृंखला के सात उपग्रहों में तीसरा उपग्रह है।
इसरो 10 अक्तूबर को इसका प्रक्षेपण करेगा जिसका मकसद अमेरिका की ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ :जीपीएस: के समरूप भारत की अपनी नेविगेशन प्रणाली स्थापित करना है। इस उपग्रह का प्रक्षेपण 10 अक्तूबर को देर रात 1 बज कर 56 मिनट पर किया जाएगा।
आईआरएनएसएस आईसी उपग्रह का प्रक्षेपण यहां से 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के पीएसएलवी-सी26 से किया जाएगा। अमेरिका की ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ की तर्ज पर क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली स्थापित करने को लेकर इसरो की ‘इंडियन रीजनल नैविगेशनल सैटेलाइट सिस्टम‘ (आईआरएनएसएस) स्थापित करने के लिये सात उपग्रह भेजने की योजना है। इस श्रृंखला में पहले दो उपग्रह आईआरएनएसएस 1ए तथा आईआरएनएसएस 1बी को क्रमश: एक जुलाई 2013 तथा इस वर्ष 4 अप्रैल को प्रक्षेपित किया जा चुका है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों के अनुसार, इसरो को आईआरएनएसएस को परिचालन में लाने के लिये सात उपग्रहों में से कम-से-कम चार उपग्रह प्रक्षेपित करने की जरूरत है। आईआरएनएसएस को इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे यह देश में उपयोक्ताओं को सटीक स्थिति की सूचना देगा। आईआरएनएसएस के जरिये स्थलीय तथा समुद्री नैविगेशन, आपदा प्रबंधन, वाहनों की स्थिति की जानकारी तथा बेड़े का प्रबंधन आदि कार्य किया जा सकेगा।
यह अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, रूस के ग्लोनास तथा यूरोप के गैलिलियो के समरूप है। चीन और जापान के पास भी इसी प्रकार की प्रणाली क्रमश: ‘बेइदोउ’ तथा ‘क्वासी जेनिथ’ है।