अंतरिक्ष में इतिहास रचने के करीब भारत, मंगलयान के रॉकेट इंजन की अहम टेस्टिंग आज

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का मंगलया अभियान अब अपने अंतिम चरणों में पहुंच गया है। मंगल ग्रह की कक्षा में शामिल करने के लिए मंगलयान मिशन का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके लिए मंगलयान को 'अलर्ट मोड में डाला गया है।

अंतरिक्ष में इतिहास रचने के करीब भारत, मंगलयान के रॉकेट इंजन की अहम टेस्टिंग आज

ज़ी मीडिया ब्यूरो

चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का मंगलया अभियान अब अपने अंतिम चरणों में पहुंच गया है। मंगल ग्रह की कक्षा में शामिल करने के लिए मंगलयान मिशन का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके लिए मंगलयान को 'अलर्ट मोड में डाला गया है। सोमवार (आज) मंगल के नजदीक पहुंचने से पहले करीब दस महीने से सुस्त पड़े यान के लिक्विड इंजन को स्टार्ट करके देखा जाएगा। भारतीय वैज्ञानिकों के लिए ये कड़ी परीक्षा की घड़ी होगी। गौर हो कि मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अहम मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सिंतबर की सुबह इसरो केंद्र में मौजूद रहेंगे।

40 न्यूटन लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) इंजन पिछले 300 दिनों से सुप्तावस्था (आइडल मोड) में है। इसका परीक्षण लगभग चार सेकेंड के लिए किया जाएगा। इस परीक्षण की सफलता से मंगलयान के मंगल की कक्षा में प्रवेश को लेकर इसरो के आत्मविश्वास में इजाफा होगा। इसके लिए अंतरिक्ष यान को कमांड (निर्देश) दिए जा चुके हैं और इनकी जांच भी की जा चुकी है।

इंजन का प्रायोगिक परीक्षण 3.968 सेकेंड के लिए 2.142 मीटर प्रति सेकेंड की गति से किया जाएगा। इसमें लगभग 0.567 किलोग्राम ईंधन की खपत होगी। मंगल अभियान भारत का पहला अंर्तग्रही अभियान है। इस यान को 5 नवंबर 2013 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल की मदद से प्रक्षेपित किया गया था। आज यह मंगल के प्रभावक्षेत्र में प्रवेश करने वाला है। 66 करोड़ 60 लाख किलोमीटर के सफर में अंतरिक्षयान 1 दिसंबर 2013 को पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर चला गया था।

मंगलयान अगर 24 सितंबर को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित हुआ तो भारत यह कामयाबी हासिल करनेवाला पहला एशियाई देश होगा और पहले प्रयास में यह उपलब्धि करने वाला दुनिया का पहला देश भी होगा। इससे सुदूर अंतरिक्ष में कदम रखने की भारत की महात्वाकांक्षी योजना को भी पंख लगेंगे। बाहरी प्रतिबंधों के बावजूद अंतरिक्ष में इसरो की यह उपलब्धि उसके चंद्रमा पर मानव को भेजने के मिशन को भी नया आत्मविश्वास देगी। यह भारत का अब तक का सबसे लंबी दूरी का अंतरिक्ष कार्यक्रम है।

अब तक मंगल ग्रह पर विभिन्न देशों की ओर से 52 मंगल अभियान का प्रयास किया गया जिसमें 26 अभियान ही सफल रहे। अब तक केवल नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और पूर्व सोवियत संघ ही मंगल अभियान में सफल रहे। भारत का मंगल अभियान 5 नवंबर 2013 को इसरो की ओर से शुरू हुआ था। इसी समय नासा ने नवंबर 2013 को लाल ग्रह के लिए अभियान शुरू किया था। गौरतलब है कि इसरो के मंगल अभियान की लागत हालीवुड की फिल्म ‘ग्रैविटी’ से कम बतायी जाती है।

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