सुसाइड टूरिज्‍म: खुदकुशी करने के लिए 'स्विटरलैंड' का रुख कर हैं लोग!

अपनी जिंदगी में ताजगी और नई ऊर्जा भरने को लेकर दुनिया भर के लोग न जानें क्‍या क्‍या करते हैं। जीवन में ताजगी और जोश भरने के लिए लोग देश-विदेश के खूबसूरत शहरों की ओर रुख करते हैं। मगर कोई व्‍यक्ति अपनी जिंदगी के खात्मे के लिए पर्यटन का रास्ता चुने तो, इसे क्‍या कहा जाएगा।

सुसाइड टूरिज्‍म: खुदकुशी करने के लिए 'स्विटरलैंड' का रुख कर हैं लोग!

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

लंदन : अपनी जिंदगी में ताजगी और नई ऊर्जा भरने को लेकर दुनिया भर के लोग न जानें क्‍या क्‍या करते हैं। जीवन में ताजगी और जोश भरने के लिए लोग देश-विदेश के खूबसूरत शहरों की ओर रुख करते हैं। मगर कोई व्‍यक्ति अपनी जिंदगी के खात्मे के लिए पर्यटन का रास्ता चुने तो, इसे क्‍या कहा जाएगा।

कुछ रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर हैरत की बात यह है कि बीते कुछ वर्षों में यह दिल दहलाने वाला चलन जोर पकड़ रहा है। वह भी पर्यटन के लिहाज से विश्व की जन्नत कहलाने वाले स्विटजरलैंड जैसी लोकेशन पर। अपनी तरह के पहले अध्ययन में ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने 'सुसाइड टूरिज्म' या खुदकुशी के लिए पर्यटन पर जाने के बढ़ते चलन की पुष्टि की है। ये आंकड़े गरुवार को जारी किए गए।

भारत के लिए तकलीफ की बात है कि किसी भारतीय की तरफ से सुसाइड टूरिज्म के लिए स्विट्जरलैंड को चुनने का पहला मामला साल 2012 में सामने आ चुका है। महज चार साल में खुदकुशी के लिए स्विट्जरलैंड जाने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। इसमें जर्मनी व ब्रिटेन के सैलानी आगे हैं। खुदकुशी करने वालों में आधी संख्या उनकी है जो लकवा, पार्किसन आदि गंभीर रोगों से जूझ रहे थे।

आत्महत्या के लिए सेवा मुहैया करवाए जाने की बात की जा रही है। गौर हो कि खुदकुशी को अपराध मानने पर स्विट्जरलैंड में कानून नहीं है। ज्यूरिख के कैंटन जाने वालों का मकसद खुदकुशी करना है।  स्विट्जरलैंड में छह संस्थाएं खुदकुशी के हक का समर्थन करती हैं। इनमें चार तो खुदकुशी के लिए सेवाएं भी देती है। हालांकि इसको लेकर कानून परिवर्तन पर कई देशों में गंभीर बहस शुरू हो गई है। एक आंकड़े पर यकीन करें तो अब तक स्विट्जरलैंड में जाकर 600 से ज्यादा लोग खुदकुशी कर चुके हैं। इनमें से 268 जर्मनी के और 126 ब्रिटेन के नागरिक थे।

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