प्रयोगशाला में किया गया सुपरनोवा विस्फोट का निर्माण

वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में सुपरनोवा विस्फोटों को फिर से उत्पन्न करने के लिए एक लेजर प्वाइंटर से 60,000 अरब गुणा अधिक शक्तिशाली लेजर किरणों का इस्तेमाल किया है ताकि ब्रह्मांड में सबसे ऊर्जावान घटनाओं में शामिल इस घटना का अध्ययन किया जा सके।

लंदन : वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में सुपरनोवा विस्फोटों को फिर से उत्पन्न करने के लिए एक लेजर प्वाइंटर से 60,000 अरब गुणा अधिक शक्तिशाली लेजर किरणों का इस्तेमाल किया है ताकि ब्रह्मांड में सबसे ऊर्जावान घटनाओं में शामिल इस घटना का अध्ययन किया जा सके।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने अंतरिक्ष में सुपरनोवा का अध्ययन करने के बजाए प्रयोगशाला में इनका अध्ययन करने का तरीका तैयार किया है।
ऑक्सफोर्ड में भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर गियानलुका ग्रेगोरी ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक प्रतीत हो सकता है कि एक औसत कमरे में मेज के ऊपर प्रयोगशाला में किए जाने वाले प्रयोग का इस्तेमाल खगोल विज्ञान की ऐसी वस्तुओं के अध्ययन में किया जा सकता है जो कई प्रकाश वर्षों की दूरी पर हैं।’’
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले ग्रेगोरी ने कहा, ‘‘वास्तव में भौतिक विज्ञान के सिद्धांत हर जगह एक समान रहते हैं और भौतिक प्रक्रियाओं को ठीक उसी प्रकार हर जगह एक ही तरह मापा जा सकता है, जिस प्रकार समुद्र की तरंगे एक बाल्टी की तरंगों के समरूप होती हैं।’’ यह अनुसंधान पत्रिका नेचर फिजिक्स में प्रकाशित किया गया है। (एजेंसी)

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