एशियन गेम्स में जीतू राय ने भारत को दिलाया पहला गोल्ड मेडल, श्वेता चौधरी को मिला ब्रॉन्ज
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एशियन गेम्स में जीतू राय ने भारत को दिलाया पहला गोल्ड मेडल, श्वेता चौधरी को मिला ब्रॉन्ज

भारतीय निशानेबाज जीतू राय ने 2014 एशियन गेम्स में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। जीतू ने  50 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता। जबकि निशानेबाज श्वेता चौधरी ने महिला वर्ग में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल की। श्वेता ने भारत को 17वें एशियन गेम्स में पहले दिन पहला पदक दिलाया।

एशियन गेम्स में जीतू राय ने भारत को दिलाया पहला गोल्ड मेडल, श्वेता चौधरी को मिला ब्रॉन्ज

ज़ी मीडिया ब्यूरो/रामानुज सिंह
इंचियोन
: भारतीय निशानेबाज जीतू राय ने 2014 एशियन गेम्स में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। जीतू ने  50 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता। जबकि निशानेबाज श्वेता चौधरी ने महिला वर्ग में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल की। श्वेता ने भारत को 17वें एशियन गेम्स में पहले दिन पहला पदक दिलाया।

जीतू ने ओंगनियोन शूटिंग रेज में पुरूष 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि श्वेता ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। दुनिया के पांचवें नंबर के निशानेबाज जीतू ने कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच जज्बे और एकाग्रता का शानदार नजारा पेश करते हुए चीन के वांग झिवेई और दक्षिण कोरिया के दो बार के ओलंपियन और गत विश्व चैम्पियन जोंगोह को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता। झिवेई और जोंगोह स्वर्ण पदक राउंड में भी जगह नहीं बना सके। जीतू ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में वियतनाम के होंग फुओंग एनगुएन को पछाड़ा जो एक समय भारतीय निशानेबाज से आगे चल रहे थे।

जीतू ने अंतिम शाट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वियतनाम के निशानेबाज ने अंतिम प्रयास में 5.8 का बेहद खराब स्कोर बनाया जबकि जीतू ने 8.4 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। जीतू का कुल स्कोर 186.2 जबकि एनगुएन का 183.4 रहा। चीन के झिवेई ने 165.6 अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया। हाल में विश्व चैम्पियनपशिप में रजत पदक जीतने वाले जीतू ने इस तरह स्वर्ण पदक का ‘ग्रैंड डबल’ पूरा किया क्योंकि उन्होंने इसी साल ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था।

जीतू एशियाई खेलों का खिताब जीतने वाले जसपाल राणा के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय पिस्टल निशोनबाज हैं। वह एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतने वाले कुल चौथे भारतीय निशानेबाज हैं। जीतू और जसपाल के अलावा शाटगन विशेषज्ञ रणधीर सिंह ने 1978 जबकि रंजन सोढ़ी ने 2010 में स्वर्ण पदक जीता था। जीतू ने कहा कि वह हर हाल में स्वर्ण पदक जीतना चाहते थे।

इस भारतीय निशानेबाज ने कहा, मैं काफी दबाव में था और हर हाल में स्वर्ण पदक जीतना चाहता था। यहां प्रतिस्पर्धा राष्ट्रमंडल खेलों या विश्व चैम्पियनशिप से अधिक थी। मुझे खुशी है कि मैं अपनी इच्छा पूरी कर पाया। भारतीय पुरूष टीम हालांकि चौथे स्थान पर रही। जीतू के टीम के साथियों ओम प्रकाश (555) और ओंकार सिंह (551) ने क्रमश: 10वां और 16वां स्थान हासिल किया।

इससे पहले श्वेता ने अपनी नियमित पिस्टल के बिना चुनौती पेश करते हुए महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत को मौजूदा एशियाई खेलों का पहला पदक दिलाया। फरीदाबाद की निशानेबाज श्वेता ने शूट ऑफ में चीन की विरोधी को पछाड़कर कुल 176.4 के स्कोर के साथ कांस्य पदक पक्का किया।

चीन की झांग मेंगयुआन ने 202.2 अंक के साथ स्वर्ण पदक जबकि मेजबान दक्षिण कोरिया की जुंग जी हेई ने 201.3 अंक के साथ रजत पदक जीता। श्वेता की टीम की साथियों हीना सिद्धू (378) और 16 वर्षीय मलाइका गोयल (373) खराब प्रदर्शन करते हुए क्रमश: 13वें और 24वें स्थान पर रही। भारतीय टीम 1134 अंक के साथ 14 देशों में पांचवें स्थान पर रही। चीन ने 1146 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता। चीनी ताइपे (1141) को रजत जबकि मंगोलिया (1140) को कांस्य पदक मिला। मेजबान कोरिया चौथे स्थान रहा।

श्वेता ने क्वालीफाइंग में 383 अंक के साथ आठ खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाई। उनकी टीम की अधिक अनुभवी साथी हीना फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही। श्वेता फाइनल में पहले आठ शाट के बाद तीसरे स्थान पर चल रही थी। इससे पहले वह छठे स्थान पर खिसक गई थी लेकिन वापसी करने में सफल रही। स्पर्धा में जब अंतिम चार निशानेबाज बचे थे तब इस भारतीय निशानेबाज ने 8.4 का खराब स्कोर बनाया जिससे उन्हें चीन की गुओ वेनजुन के साथ शूट आफ खेलना पड़ा।

चार निशानेबाजों के शाट से पहले श्वेता के 138.  जबकि गुओ के 137.9 अंक थे लेकिन इसके बाद भारतीय निशानेबाज नर्वस हो गई और 8.4 अंक ही जुटा पाई। शूट ऑफ में हालांकि श्वेता ने 10.7 अंक के साथ चीन की निशानेबाज को पछाड़ दिया को 10 अंक ही जुटा सकी। इसके साथ ही ओएनजीसी की इस निशानेबाज का कम से कम कांस्य पदक पक्का हो गया।

अंतिम तीन निशानेबाजों के बीच पहले शाट में श्वेता ने 8.6 अंक जुटाए जिससे उनकी स्वर्ण पदक के लिए खेलने की उम्मीदों को झटका लगा। उन्होंने अंतिम शॉट में 10.5 अंक बनाए लेकिन झांग और जुंग को स्वर्ण पदक के लिए खेलने से नहीं रोक पाई। श्वेता ने 20 शाट के फाइनल में बाहर होने से पहले 18 शाट मारे जिसमें उन्होंने 10.8, 10. 7, 9 . 3, 10. 2, 10, 9 . 8, 9 . 3, 7 . 7, 9 . 7, 10 . 3, 10 . 1, 9 . 8, 10 . 7, 9 . 9, 10 . 6, 8 . 4, 8 . 6 और 10 . 5 अंक जुटाए। श्वेता ने बाद में कहा कि उन्हें अपनी नियमित पिस्टल के बिना इस स्पर्धा में हिस्सा लेना पड़ा क्योंकि उनकी पिस्टल तीन दिन से कोरिया के सीमा शुल्क अधिकारियों के पास थी।

दूसरी तरफ जीतू ने फाइनल में नई शुरुआत की और 14 शाट बाद उनके अलावा एनगुएन, उनके हमवतन होंग शुआन विएन और चीन के वांग झिवेई की पदक की दौड़ में बचे थे। भारतीय निशानेबाज ने ऐसे समय में 9.9 और 10.7 अंक बटोरकर खुद को पदक की दौड़ में बरकरार रखा। शुआन और झिवेई क्रमश: 16वें और 18वें शाट के बाद बाहर हो गए जिसके बाद स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला जीतू और एनगुएन के बीच था।

एनगुएन 18वें शाट के बाद भारतीय निशानेबाज से 0.7 अंक से आगे चल रहे थे। लेकिन अंतिम दो शॉट में वह नर्वस हो गए और उन्हें खिताब जीतने का मौका गंवा दिया। वियतनाम का निशानेबाज अंतिम दो शॉट में 8.7 और 5.8 अंक ही जुटा सका जबकि जीतू ने 9.6 और 8.4 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता। जीतू का 50 मीटर रेंज में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यह लगातार छठा पदक है।

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