कैच छोड़ते रहोगे तो फिर 20 विकेट नहीं ले सकते: कपिल देव
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कैच छोड़ते रहोगे तो फिर 20 विकेट नहीं ले सकते: कपिल देव

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने इंग्लैंड के खिलाफ साउथम्पटन में तीसरे टेस्ट मैच में लचर क्षेत्ररक्षण के लिए टीम की आलोचना की और कहा कि यदि कैच टपकाए जाते रहे तो फिर गेंदबाज 20 विकेट नहीं ले सकते हैं।

कैच छोड़ते रहोगे तो फिर 20 विकेट नहीं ले सकते: कपिल देव

मैनचेस्टर : पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने इंग्लैंड के खिलाफ साउथम्पटन में तीसरे टेस्ट मैच में लचर क्षेत्ररक्षण के लिए टीम की आलोचना की और कहा कि यदि कैच टपकाए जाते रहे तो फिर गेंदबाज 20 विकेट नहीं ले सकते हैं।

भारत इस मैच में 266 रन से हार गया था और इस तरह से इंग्लैंड पांच मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबरी पर लाने में सफल रहा। नाटिंघम में पहला मैच ड्रा छूटा था जबकि भारत ने लॉर्ड्स में दूसरा टेस्ट मैच 95 रन से जीता था। खराब फार्म में चल रहे एलिस्टेयर कुक और इयान बेल ने आखिरकार रन बनाए जबकि अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे जोस बटलर और गैरी बैलेन्स सभी को जीवनदान मिले जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया।

सबसे महत्वपूर्ण अवसर वह था जब कुक को 15 रन के निजी योग पर रविंद्र जडेजा ने जीवनदान दिया। तब गेंदबाज पंकज सिंह था जो अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे। पंकज इसके बाद मैच में विकेट नहीं ले पाये। कपिल ने पंकज के बारे में कहा, भाग्य उसके साथ नहीं था। वह पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी कर रहा था। इस तरह के सपाट विकेट पर उसने अच्छी गेंदबाजी की। उसकी गेंद बल्ले का किनारा लेकर गयी लेकिन आपने उसे टपका दिया। इसके बाद वह पूरे मैच में विकेट नहीं ले पाया। उसने टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया। स्लिप कार्डन में कैच टपकाना भारतीय टीम की आदत बन गई है। इस बारे में कपिल ने कहा, यहां पर फिल्डिंग करना आसान नहीं है।

उन्होंने कहा, इसके लिये अभ्यास करना होता है क्योंकि यदि आप कैच छोड़ते रहोगे तो फिर 20 विकेट नहीं ले सकते हो। इससे गेंदबाजों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। लॉर्ड्स में हम इस विभाग में अच्छे थे लेकिन साउथम्पटन में हमने कुछ कैच टपकाए। इस तरह की पिचों में गेंदबाजों के लिये कुछ खास नहीं था इसलिए आप इन मौकों को नहीं गंवा सकते।

 कपिल ने कहा, यह नाटिंघम जैसा ही विकेट था और वहां तथा यहां की गेंदबाजी में अंतर देखो। कुल मिलाकर गेंदबाज बेहतर कर सकते थे। हमने कई ढीली गेंदें की और इंग्लैंड ने उनका अच्छा इस्तेमाल किया। जब कोई टीम 600 का स्कोर बनाती है तो इससे पता चलता है कि आपकी गेंदबाजी में अनुशासन की कमी है। 

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