कॉमनवेल्थ गेम्स 2014, भारोत्तोलक और जुडोका चमके, भारत को पहले दिन मिले सात पदक

संजीता चानू और सुखेन डे के स्वर्ण पदक सहित भारोत्तोलकों ने चार पदक जीते जबकि जुडोकाओं ने भी अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए तीन पदक हासिल किए जिससे भारत 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में शुक्रवार को यहां अच्छी शुरूआत करते हुए प्रतियोगिताओं के पहले दिन सात पदक जीतने में सफल रहा।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2014, भारोत्तोलक और जुडोका चमके, भारत को पहले दिन मिले सात पदक

ग्लास्गो : संजीता चानू और सुखेन डे के स्वर्ण पदक सहित भारोत्तोलकों ने चार पदक जीते जबकि जुडोकाओं ने भी अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए तीन पदक हासिल किए जिससे भारत 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में शुक्रवार को यहां अच्छी शुरूआत करते हुए प्रतियोगिताओं के पहले दिन सात पदक जीतने में सफल रहा।

भारत फिलहाल दो स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल सात पदक के साथ चौथे स्थान पर चल रहा है। इंग्लैड छह स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक के साथ शीर्ष पर है। पुरुष 56 किग्रा वर्ग में सुखेन ने कुल 248 किग्रा (109 और 139) वजन उठाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने स्नैच में 109 जबकि क्लीन एवं जर्क में 139 किग्रा वजन उठाया। भारत के ही गणेश माली कुल 244 किग्रा (111 और 133 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। इस स्पर्धा का रजत पदक मलेशिया के जुल्हेमी पिसोल ने जीता जिन्होंने 245 किग्रा (108 और 137) वजन उठाया।

इससे पहले संजीता ने महिला 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के साथ भारत को खेलों का पहला सोने का तमगा दिलाया। सेखोम मीराबाई चानू भी इसी स्पर्धा में रजत पदक जीतने में सफल रही। जूडो में नवजोत चाना और सुशीला लिकमाबम ने रजत पदक जीते जबकि कल्पना थोडम कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही जिससे भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की जूडो स्पर्धा में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

भारत को दिन का पहला पदक संजीता ने दिलाया जिन्होंने कई मजबूत प्रतिस्पर्धियों की गैरमौजूदगी में कुल 173 किग्रा (77 और 96 किग्रा) वजन उठाया। मीराबाई 170 किग्रा (75 और 95 किग्रा) वजन उठाने में सफल रही। नाईजीरिया की नकेची ओपारा ने कुल 162 किग्रा (70 और 92 किग्रा) वजन उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया। संजीता हालांकि 175 किग्रा के अगस्तीना नकेम नावाओकोलो के राष्ट्रमंडल खेलों के रिकार्ड से दो किग्रा से पीछे रह गई। संजीता ने स्नैच में 77 किग्रा वजन उठाकर अगस्तीना के राष्ट्रमंडल खेलों के रिकार्ड की बराबरी की। उन्होंने क्लीन एवं जर्क में 96 किग्रा वजन उठाया। जूडो में चाना और सुशीला को हालांकि अपने वर्गों के फाइनल शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

जूडो में राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता चाना पुरूषांे के 60 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में इंग्लैंड के एश्ले मैकेंजी से हार गए। भारतीय खिलाड़ी को पेनल्टी अंक के आधार पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। चाना को तीन पेनल्टी अंक दिए गए जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी को सिर्फ एक पेनल्टी अंक मिला। दोनों खिलाड़ियों के वजारी अंक बराबर थे। चाना ने दक्षिण अफ्रीका के डेनियल ली ग्रैंगे को केवल एक मिनट 51 सेकेंड हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। उन्होंने ‘इप्पोन’ से नाकआउट हासिल किया।

महिला वर्ग में मणिपुरी जुडोका सुशीला ने 48 किग्रा में फाइनल के सफर के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वियों को इप्पोन से हराकर नाकआउट किया। वह हालांकि फाइनल में स्काटलैंड की किंबर्ली रेनिक्स को कोई टक्कर नहीं दे पाई। स्थानीय जुडोका ने भारतीय खिलाड़ी को तीसरे मिनट में ही इप्पोन से नाकआउट कर दिया। सुशीला ने आस्ट्रेलिया की चोल रेनर को दो मिनट 23 सेकेंड में हराकर फाइनल में जगह बनायी। सुशीला ने दो वजारी हासिल किये जो एक इप्पोन के बराबर होते हैं। रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंची कल्पना थोडम ने महिला वर्ग के 52 किग्रा में मारिशस की क्रिस्टियन लेगेनटिल को हराकर कांस्य पदक जीता। उन्होंने कम पेनल्टी अंक :शिडो: हासिल करते हुए जीत दर्ज की। कल्पना को दो जबकि क्रिस्टियन को तीन पेनल्टी अंक मिले।
मनजीत नंदल (पुरुष 66 किग्रा) को हालांकि कांस्य पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के सियाबुलेला माबुलू के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। मनजीत को तीन जबकि माबुलू को दो पेनल्टी अंक मिले। मनजीत और कल्पना दोनों क्वार्टर फाइनल में हार गये थे लेकिन दोनों ने रेपेचेज में जीत दर्ज करके कांस्य पदक के मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया। दूसरी तरफ हाकी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन और स्क्वाश में भारत की शुरूआत अच्छी रही लेकिन तैराक और साइकिलिस्ट खास प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।

बैडमिंटन में भारत ने मिश्रित टीम स्पर्धा के ग्रुप बी मैच में घाना को 5-0 से करारी शिकस्त दी। भारत को यह जीत दर्ज करने के लिये कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी। पारूपल्ली कश्यप ने डेनियल सैम को पुरूष एकल मुकाबले में 21-6, 21-16 से शिकस्त दी। विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधू ने स्टेला अमासा को 21-7, 21-5 से हराया। पुरुष युगल वर्ग में अक्षय देवालकर और प्रणव चोपड़ा ने एमैन्युअल डोनकोर और अब्राहम ए को 21-7, 21-11 से मात दी। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने एवेलिन बोत्वे और डायना आर्चर को हराया। वहीं मिश्रित युगल में पी सी तुलसी और किदाम्बी श्रीकांत ने सैम और अमासाह को 21-5, 21-9 से हराया।

टेबल टेनिस में भारत की पुरूष और महिला टेबल टेनिस ने शानदार शुरुआत करते हुए क्रमश: वनातु और बारबाडोस को हराया। चार साल पहले दिल्ली खेलों में रजत पदक जीतने वाली महिला टीम ने शामिनी कुमारसेन, मनिका बत्रा और मधुरिका पाटकर के शानदार प्रदर्शन से बारबाडोस को 3-0 से हराया। पुरूषों के शुरूआती मुकाबले में भारत के चोटी के खिलाड़ी शरत कमल को विश्राम दिया गया। हरमीत देसाई, सानिल शेट्टी और एंथनी अमलराज की टीम ने भारत को 3-0 से जीत दिलाई। स्क्वाश में अनाका अलंकामोनी, हरिंदर पाल संधू और महेश मंगांवकर ने जीत से शुरूआत की। अलंकामोनी ने राउंड 32 में कीनिया की खालका निमजी को 11-2, 11-3, 11-6 से हराया। उनका अगला मुकाबला मलेशिया की 15वीं वरीय डेलिया अर्नोल्ड से होगा।

भारत की चोटी की खिलाड़ी दीपिका पल्लिकल और अनुभवी जोशना चिनप्पा को पहले दौर में बाई मिली है। पुरूष एकल में मंगांवकर ने राउंड 64 में कीनिया की हरदीप रील को आसानी से हराया। उन्हें अब इंग्लैंड के तीसरे वरीय पीटर बार्कर की कड़ी चुनौती का सामना करना है। संधू ने भी उत्तरी आयरलैंड के माइकल क्रेग को 11-9, 11-5, 11-5 से हराकर अच्छी शुरूआत की।

भारतीय तैराक सजान प्रकाश पुरूषों की 400 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। प्रकाश ने हीट नंबर दो में तीन मिनट 59.29 सेकेंड का समय निकाला और वह 28 तैराकों के बीच 20वें स्थान पर रहे। पुरूषों की 100 मीटर फ्रीस्टाइल एस-9 में भारतीय पैरा तैराक प्रशांत करमाकर ने एक मिनट 4.86 सेकेंड का समय निकालकर फाइनल में जगह बनायी। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले करमाकर अपनी हीट में चौथे स्थान पर रहे थे। साइकिलिंग में भारतीयों की शुरूआत अच्छी नहीं रही। भारतीय साइकिलिस्ट पुरूषों की स्प्रिंट और 4000 मीटर टीम परसुईट के फाइनल में क्वालीफाई करने में असफल रहे।

भारतीय महिला हाकी टीम ने हालांकि जीत से शुरूआत करते हुए जसप्रीत कौर के दो गोल की मदद से ग्रुप ए में कनाडा को 4-2 से हराया। भारत ने शुरू से ही मैच में दबदबा बनाये रखा और आखिरी तक उसने कनाडा को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया। भारत की तरफ से रानी रामपाल (22वें मिनट), पूनम रानी (30वें), जसप्रीत (38 और 54वें मिनट) ने गोल दागे जबकि कनाडा के लिये ब्रेनी स्टेयर्स और कार्ली जोहान्सन ने गोल किए।

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