तीसरा टेस्ट: इंग्लैंड ने बनाया 569 रन का विशाल स्कोर, भारत को शुरू में ही लगा झटका
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तीसरा टेस्ट: इंग्लैंड ने बनाया 569 रन का विशाल स्कोर, भारत को शुरू में ही लगा झटका

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने पहली पारी में एक विकेट खोकर  25 रन बनाए हैं। इससे पहले इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए अपनी पहली पारी 7 विकेट खोकर 569 रन पर समाप्त घोषित की।

तीसरा टेस्ट: इंग्लैंड ने बनाया 569 रन का विशाल स्कोर, भारत को शुरू में ही लगा झटका

ज़ी मीडिया ब्यूरो
साउथम्पटन: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने पहली पारी में एक विकेट खोकर  25 रन बनाए हैं। इससे पहले इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई करते हुए अपनी पहली पारी 7 विकेट खोकर 569 रन पर समाप्त घोषित की।  

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गैरी बैलेंस और इयान बेल की बड़ी शतकीय पारियों से पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा करने वाले इंग्लैंड ने आज यहां दूसरे दिन शुरू में ही भारत को झटका देकर तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में अपनी स्थिति मजबूत कर ली।

बेल ने एकाग्रता, आक्रामकता और कौशल का शानदार नमूना पेश करके 167 रन बनाये। इस 32 वर्षीय बल्लेबाज ने इस बीच कल शतक जड़ने वाले बैलेंस (156) के साथ तीसरे विकेट के लिये 142 और विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर (85) के साथ छठे विकेट के लिये 106 रन की साझेदारी की। बटलर अपने पहले टेस्ट मैच में शतक बनाने से चूक गये और उनके आउट होने के तुरंत बाद एलिस्टेयर कुक ने सात विकेट पर 569 रन के स्कोर पर पारी समाप्त घोषित कर दी।

भारत ने इसके जवाब में तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट पर 25 रन बनाए हैं और वह अब भी इंग्लैंड से 544 रन पीछे है। स्टंप उखड़ने के समय सलामी बल्लेबाज मुरली विजय 11 और चेतेश्वर पुजारा चार रन बनाकर खेल रहे थे। शिखर धवन (6) फिर से नाकाम रहे। जेम्स एंडरसन की बाहर की तरफ स्विंग होती गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर स्लिप में कुक के सुरक्षित हाथों चली गई।

धवन इस सीरीज में अभी तक पांच पारियों में केवल 85 रन बना पाये हैं। इससे पहले रविंद्र जडेजा पर छक्का जड़कर शतक पूरा करने वाले बेल ने अपनी पारी के दौरान 7000 टेस्ट रन भी पूरे किये। उन्होंने पारी के 159वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर मिड ऑफ पर खड़े पंकज सिंह को कैच थमाया। बेल ने अपनी पारी में 256 गेंद खेली तथा 19 चौके और तीन छक्के लगाये।

भारतीय गेंदबाज पहले दो टेस्ट मैचों की तरह अनुशासित गेंदबाजी नहीं कर पाये और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। इंग्लैंड ने सुबह दो विकेट पर 247 रन से आगे खेलना शुरू किया। उन्होंने पहले सत्र में 29 ओवर में 111 रन जोड़े और इस बीच बैलेंस का विकेट गंवाया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से पवेलियन लौटे। बैलेन्स की 288 गेंद की पारी में 24 चौके शामिल हैं।

महेंद्र सिंह धोनी ने दूसरे सत्र में गेंदबाजी में लगातार बदलाव की रणनीति अपनाई। इससे रन गति धीमी पड़ी और इस बीच भारत जो रूट (3) और मोइन अली (12) के विकेट लेने में भी सफल रहा। इन दोनों को भुवनेश्वर ने आउट किया।

इंग्लैंड ने इस सत्र में 26 ओवर में केवल 67 रन ही बना पाया। तीसरे सत्र में पारी समाप्त घोषित करने से पहले इंग्लिश टीम ने केवल 18.3 ओवर में 144 रन ठोके। सुबह बेल ने कुछ देर गेंदबाजों को परखने के बाद आक्रामकता दिखाई। उन्होंने यहां तक कि जडेजा पर मैच का पहला छक्का भी जड़ा।

बैलेंस ने शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए 115वें ओवर में 23वें चौके की मदद से अपने करियर में पहली बार 150 रन पूरे किये। धोनी ने ऐसे समय में रोहित को गेंद थमाई और वह लंच से दो ओवर पहले बैलेंस को आउट करने में सफल रहे। तेजी से घूमती गेंद में थोड़ा उछाल था। वह बैलेन्स के थाई पैड से टकराकर विकेट के पीछे गयी और धोनी ने अच्छी तरह से उसे कैच किया। भारतीयों की अपील पर अंपायर राड टकर की उंगली उठ गई और इस तरह से रोहित अपना पहला टेस्ट विकेट लेने में सफल रहे।

बेल ने हालांकि इस नकारात्मक रणनीति का करारा जवाब दिया। उन्होंने पारी के 135वें ओवर में जडेजा पर छक्का जड़कर 179 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने इसी ओवर की अगली तीन गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। भुवनेश्वर ने इसके बाद मोइन को शॉर्ट पिच गेंद पर आउट किया। वह बटलर के रूप में अपना तीसरा विकेट भी ले लेते लेकिन तीसरे अंपायर ने उन्हें नॉट आउट दिया। तब अंजिक्य रहाणे ने दूसरी स्लिप में काफी नीचे रहता हुआ कैच लिया था। बटलर ने उस समय खाता भी नहीं खोला था।

बटलर ने चाय के विश्राम के बाद बेल के साथ तेजी दिखाई। उन्होंने जडेजा पर छक्का जड़कर टीम का स्कोर 500 रन के पार पहुंचाया। इससे पहले जब वह 23 रन पर थे तब शमी की गेंद पर स्लिप में शिखर धवन ने उन्हें जीवनदान दिया। उन्होंने 64 गेंद पर अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। बेल के आउट होने के बाद बटलर पंकज के एक ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाया। वह बीच में रन आउट होने से भी बचे लेकिन जडेजा पर पुल करने के प्रयास में गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गयी। बटलर ने 83 गेंद खेली और नौ चौके और तीन छक्के लगाये।

 पहले दिन का खेल

फार्म में वापसी करने के बावजूद कप्तान एलिस्टेयर कुक शतक से चूक गए लेकिन गैरी बैलेंस अपने करियर का तीसरा सैकड़ा पूरा करने में सफल रहे जिससे इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन रविवार को भारत के खिलाफ अपना पलड़ा भारी रखा।

कुक ने शुरू में मिले जीवनदान का फायदा उठाकर 95 रन बनाये और बैलेंस (नाबाद 104) के साथ दूसरे विकेट के लिये 158 रन की साझेदारी की। इंग्लैंड ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक दो विकेट पर 247 रन बनाए हैं। बैलेंस के साथ दूसरे छोर पर इयान बेल 16 रन बनाकर खेल रहे हैं। ईशांत शर्मा चोटिल होने के कारण इस मैच में नहीं खेल पाये जिससे भारत की गेंदबाजी पंगु हो गई थी और उसमें अनुशासन की कमी दिखी। पहले दिन केवल मोहम्मद शमी (62 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा (34 रन देकर एक विकेट) को ही विकेट मिले। पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले भुवनेश्वर कुमार (58 रन देकर कोई विकेट नहीं) को एजिस बाउल में विकेट का इंतजार है।

अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे पंकज सिंह (62 रन देकर कोई विकेट नहीं) का भाग्य ने साथ नहीं दिया जो उन्हें कुक का विकेट नहीं मिला। जडेजा ने यदि कुक का आसान कैच नहीं छोड़ा होता तो इंग्लैंड के कप्तान का फार्म में लौटने का इंतजार बढ़ जाता। आखिर में जडेजा ने ही उन्हें शतक से वंचित रखा। चाय के विश्राम के बाद जब वह मजबूती से शतक की तरफ बढ़ रहे थे तब लेग साइड की तरफ जाती गेंद उनके बल्ले का हल्का किनारा लेकर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों में चली गयी। कुक हालांकि अंपायर मारियास इरासमुस के फैसले से खुश नहीं दिखायी दे रहे थे। उन्होंने 231 गेंद खेली तथा नौ चौके लगाये।

भारत ने लार्ड्स में दूसरा टेस्ट मैच 95 रन से जीतकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना रखी है। नाटिंघम में पहला टेस्ट मैच ड्रा छूटा था। एजिस बाउल की पिच भी ट्रेंटब्रिज की तरह कुछ सपाट दिख रही है और ऐसे में इसमें भारत को दूसरे विशेषज्ञ स्पिनर की कमी खल सकती है। भारत इस मैच में सात बल्लेबाजों के साथ उतरा है। उसने अपनी टीम में दो बदलाव किये। चोटिल इशांत की जगह पंकज को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया जबकि स्टुअर्ट बिन्नी के स्थान पर रोहित शर्मा को टीम में रखा।

इंग्लैंड ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कुक और सैम रोबसन (26) ने पहले विकेट के लिये 55 रन की साझेदारी की। जडेजा से मिले जीवनदान की बदौलत कुक खराब दौर से बाहर निकलने में सफल रहे। दिन के 12वें ओवर में ही पंकज की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर तीसरी स्लिप में जडेजा के पास पहुंची लेकिन वह इसे कैच नहीं कर पाये। कुक तब 15 रन पर खेल रहे थे। पहले दो सत्र में केवल शमी को ही सफलता मिली। वह जब दूसरा स्पैल करने के लिये आये तो उन्होंने रोबसन का विकेट लेकर भारत को पहली सफलता दिलायी। आस्ट्रेलिया में जन्में इस बल्लेबाज ने आउटस्विंगर को छेड़ने की सजा भुगती और इस बार जडेजा ने तीसरी स्लिप में कैच लेने में कोई गलती नहीं की।

धोनी ने पहले दिन ही अपने दो कामचलाउ स्पिनरों रोहित और शिखर धवन से भी गेंदबाजी करवायी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। कुक और बैलेन्स ने दूसरे सत्र में बिना किसी परेशानी के भारतीय गेंदबाजों का सामना किया। भारतीय आक्रमण में तीक्ष्णता का अभाव दिखा। इंग्लैंड के कप्तान ने पारी के 31वें ओवर में 36वां अर्धशतक पूरा करके अपने सिर से बहुत बड़ा बोझ हटाया। पारी के 33वें ओवर में शमी ने कुक के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की जोरदार अपील की लेकिन अंपायर ने उसे ठुकरा दिया हालांकि रीप्ले से लग रहा था कि गेंद संभवत: बल्ले का हल्का किनारा लेकर गयी थी।

चाय के विश्राम तक इंग्लैंड ने एक विकेट पर 186 रन बनाये थे तथा कुक और बैलेन्स मजबूती से शतक की तरफ बढ़ रहे थे। कुक ने शमी पर मिडविकेट पर चौका जड़कर अपना स्कोर 90 रन पर पहुंचाया था। वह जिस धैर्य और एकाग्रता से बल्लेबाजी कर रहे थे उससे लगा रहा था कि यहां उनका 26वां टेस्ट शतक बन जाएगा। लेकिन जडेजा ने आखिर में कुक को शतक पूरा नहीं करने दिया। वह पिछली 28 पारियों से शतक नहीं जड़ पाये हैं। बैलेन्स भी शतक के करीब पहुंचने के बाद कुछ धीमे पड़ गये थे लेकिन उन्होंने शमी पर अपनी पारी का 15वां चौका जड़कर 189 गेंद पर अपना तीसरा शतक पूरा किया।

 

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